भाजपा ने किया सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम बिल का विरोध

संसद के शीतकालीन सत्र में ‘सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक’ लाने की सरकार मंशा पर कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए भाजपा ने मंगलवार को कहा कि यह चुनावों से पहले देश का माहौल बिगाड़ने की कांग्रेस की ‘‘खतरनाक और बेहूदा मानसिकता’’ का द्योतक है। उसने कहा कि यह सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक नहीं बल्कि ‘‘सांप्रदायिक लक्षित वोट बैंक विधेयक’’ है।

नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र में ‘सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक’ लाने की सरकार मंशा पर कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए भाजपा ने मंगलवार को कहा कि यह चुनावों से पहले देश का माहौल बिगाड़ने की कांग्रेस की ‘‘खतरनाक और बेहूदा मानसिकता’’ का द्योतक है। उसने कहा कि यह सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक नहीं बल्कि ‘‘सांप्रदायिक लक्षित वोट बैंक विधेयक’’ है।
पार्टी के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने यहां कहा, ‘‘भाजपा इस विधेयक का जबर्दस्त विरोध करती है क्योंकि यह वोट बंटोरने के लिए धर्म के आधार पर देश और समाज को बांटने के कांग्रेस के खौफनाक खेल का हिस्सा है।’’
उन्होंने कहा कि 5 राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव में सूपड़ा साफ होने की निश्चित संभावना से बौखलाई कांग्रेस अब इस विधेयक के जरिए ‘‘अपनी परंपरागत और पेशेवर वोट बैंक की राजनीति’’ को आगे बढ़ा रही है। वह समाज को धर्म के आधार पर बांट कर वोट पाना चाहती है। ‘‘लेकिन इस स्वयंभू सेकुलर सिंडिकेट का सूपड़ा साफ होना तय है।’’
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री के. रहमान खान ने हाल ही में संकेत दिया है कि संसद के शीतकालीन सत्र में ‘सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक’ को पेश किया जा सकता है।
नकवी की प्रेस वार्ता में पार्टी की ओर से राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली के उस लेख की प्रतियां भी जारी की गई जो इस विधेयक के विरोध में 26 मई 2011 को प्रकाशित हो चुका है। लेख में जेटली ने कहा है कि उक्त विधेयक के तहत सांप्रदायिक हिंसा के लिए किसी राज्य के केवल बहुमत समुदाय को दोषी माना जाएगा। कानून बन जाने पर उसे वह प्राधिकार लागू करेगा जिसमें बहुमत समुदाय के सदस्य अल्पमत में होंगे। सरकारों को इसी प्राधिकार के तहत पुलिस और जांच एजेंसियों को उपलब्ध कराना होगा।
जेटली के अनुसार ऐसे प्राधिकार को शिकायतें मिलने पर जांच करने, इमारतों में प्रवेश करने, छापा मारने और तलाशी लेने के अधिकार होंगे। यह प्राधिकार अभियोजन प्रक्रिया की रिकार्डिंग कर सकेगा और सरकारों को अपनी सिफारिश दे सकेगा। यह सशस्त्र बलों को भी निर्देश दे सकेगा।
नकवी ने कहा कि किसी भी तरह वोट पाने की छट-पटाहट में कांग्रेस ने पिछले चुनाव में धर्म के नाम पर आरक्षण देने का शिगूफा छेड़ा था और इस बार वह सांप्रदायिक विधेयक के जरिए समाज को मजहब के नाम पर बांटने की कोशिश में है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह आतंकी का कोई धर्म नहीं होता उसी तरह दंगाइयों का भी कोई मजहब नहीं होता है। ऐसे में किसी दंगे के लिए केवल बहुमत समुदाय को दोषी ठहराना कांग्रेस नीत सरकार की ‘‘नकारात्मक और बेहूदा राजनीतिक मानसिकता’’ को दर्शाता है। (एजेंसी)

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