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नई दिल्ली : समझा जाता है कि सरकार ने इस्राइल से बराक मिसाइलों की खरीद के लिए अनुमानित एक हजार करोड़ रूपए से ज्यादा के सौदे को मंजूरी प्रदान कर दी है। सीबीआई की एक जांच के कारण पिछले पांच साल से यह खरीद लंबित थी।
सूत्रों ने कहा कि समझा जाता है कि सुरक्षा संबंधी कैबिनेट कमिटी (सीसीएस) ने इस्राइली हवाई रक्षा मिसाइलों की खरीद के लिए सौदे को मंजूरी प्रदान कर दी है। इन मिसाइलों को नौसेना के विमानवाहक पोतों पर तैनात किया जाएगा। इन मिसाइलों को आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विराट पर तैनात किया जाएगा। नौसेना के इन दोनों युद्धपोतों पर हवाई सुरक्षा कवर नहीं है।
एटार्नी जनरल द्वारा मिसाइलों की खरीद के पक्ष में राय दिए जाने के बाद रक्षा मंत्रालय ने खरीद मामले को मंजूरी प्रदान की थी। सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच के मद्देनजर इन मिसाइलों का अधिग्रहण स्थगित कर दिया गया था।
नौसेना ने नौ किलोमीटर रेंज वाली मिसाइलों के पक्ष में दलीलें दी थी और मंत्रालय से कहा था कि उसके पास ऐसे करीब 150 हथियार ही बचे हैं। नयी सरकार सशस्त्र बलों के लिए खरीद की दिशा में तेजी से आगे बढ़ी है और नौसेना पर विशेष ध्यान दिया गया है। सीसीएस की पहली कुछ बैठकों में समुद्री बल के लिए स्वदेशी विमानवाहक का निर्माण पूरा करने की खातिर अतिरिक्त धन के प्रावधान को मंजूरी प्रदान की गयी थी।