'आप' नेता प्रशांत भूषण की प्रेस कांफ्रेंस में हंगामा
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'आप' नेता प्रशांत भूषण की प्रेस कांफ्रेंस में हंगामा

आम आदमी पार्टी (आप) के संवाददाता सम्मेलन में हिंदू सेना ने सोमवार को हंगामा किया। हंगामा इतना बढ़ गया कि `आप` नेता एवं वरिष्ठ वकील रहे प्रशांत भूषण को संवाददाता सम्मेलन बीछ में छोड़कर जाना पड़ा।

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ज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) के संवाददाता सम्मेलन में एक दक्षिणपंथी हिंदू संगठन के कार्यकर्ता ने हंगामा खड़ा कर दिया। हंगामा इतना बढ़ गया कि 'आप' नेता एवं वरिष्ठ वकील रहे प्रशांत भूषण को संवाददाता सम्मेलन बीछ में छोड़कर जाना पड़ा। प्रशांत भूषण को पीछे के दरवाजे से बाहर निकाला गया। कार्यकर्ता का कहना था कि प्रशांत भूषण के कश्मीर और माओवादियों पर दिए गए बयानों से वह इत्तेफाक नहीं रखता।
ज़ी मीडिया रिपोर्टर के मुताबिक प्रशांत भूषण संवाददाता सम्मेलन कर रहे थे तभी कार्यकर्ता वहां पहुंचा और हंगामा करने लगा। कार्यकर्ता ने कथित रूप से धक्का-मुक्की भी की। हंगामा इतना बढ़ गया कि प्रशांत भूषण को संवाददाता सम्मेलन बीच में छोड़कर जाना पड़ा। भूषण को पिछले दरवाजे से बाहर निकाला गया।
दक्षिणपंथी हिंदू संगठन का कार्यकर्ता प्रशांत भूषण से कश्मीर पर दिए उनके बयान पर माफी मांगने के लिए कह रहा था। कार्यकर्ता ने प्रशांत भूषण के खिलाफ नारेबाजी की। उसने प्रशांत को 'आप' पार्टी से निकाले जाने की मांग भी की।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले एक समाचार चैनल से बातचीत में प्रशांत ने कश्मीर पर विवादित बयान दिया। प्रशांत ने कहा कि घाटी में आंतरिक सुरक्षा के लिए सेना की तैनाती का फैसला वहां की जनता पर छोड़ देना चाहिए। जनता वहां सेना की तैनाती चाहती है कि नहीं, इसके लिए जनमत संग्रह कराया जाना चाहिए। भूषण के इस बयान पर सियासत गरमा गई। बाद में 'आप' पार्टी ने प्रशांत के इस बयान से खुद को अलग कर लिया।
वहीं, प्रशांत भूषण ने कहा कि संवाददाता सम्मेलन में हंगामा भाजपा और कांग्रेस की साजिश है।
कश्मीर में जनमत संग्रह की बात कर विवादों में रह चुके प्रशांत नक्सलवाद प्रभावित इलाकों में सैन्य बलों की तैनाती की बात कह अपने लिए मुश्किलें बढ़ा ली हैं। प्रशांत ने शनिवार को कहा था कि नक्सल प्रभावित इलाकों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती के मसले पर जनमत संग्रह कराया जाना चाहिए। उनकी इस मांग की भाजपा ने कड़ी आलोचना की।
भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्य सरकारों की मदद से केंद्र इस मसले से निपटने की कोशिश कर रहा लेकिन ऐसे बयानों से इन कोशिशों को धक्का लगता है और इससे सुरक्षा बल हतोत्साहित होते हैं।

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