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नई दिल्ली : किसानों को मायूस करने वाली सूचना देते हुए भारतीय मौसम विभाग ने आज बताया कि भारत में इस साल मानसून सामान्य से कम रहने की उम्मीद है और चार साल के अच्छे मानसून के बाद इस वर्ष 95 फीसदी बारिश दर्ज की जा सकती है।
मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अल-नीनो प्रभाव के कारण मानसून सामान्य से कम रहने की उम्मीद है। अल-नीनो प्रभाव अमूमन समुद्री जल का तापमान बढ़ने से जुड़ा होता है। विभाग ने एक बयान में कहा, ‘इस साल मानसून में 95 फीसदी बारिश हो सकती है जिसमें 5 फीसदी की घट बढ़ हो सकती है।’ अधिकारियों ने बताया कि 90 से 96 फीसदी के बीच की बारिश सामान्य से कम की श्रेणी में आती है जबकि 96 से 104 फीसदी के बीच की बारिश सामान्य बारिश मानी जाती है।
साउथ एशियन क्लाइमेट आउटलुक फोरम (सैकॉफ) के मुताबिक, देश के बड़े हिस्से, जिसमें पश्चिमी, दक्षिणी एवं उत्तरी भारत आते हैं, में सामान्य से कम बारिश होगी जबकि पूर्वी हिस्से (पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, ओड़िशा, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्से और पूर्वोत्तर भारत का समूचा क्षेत्र) में सामान्य वष्रा होगी। ‘सैकॉफ’ एक क्षेत्रीय मौसम संस्था है जिसमें विश्व मौसम विज्ञान संगठन एवं छह दक्षिण एशियाई देश शामिल हैं।
सामान्य से कम मानसून रहने का पूर्वानुमान किसान समुदाय के लिए अच्छी खबर नहीं है क्योंकि वे मुख्य रूप से वर्षा पर निर्भर होते हैं। किसान समुदाय खास तौर पर खरीफ फसलों चावल, सोयाबीन, कपास एवं मक्के के लिए बारिश पर निर्भर रहते हैं। देश की 60 फीसदी खेती वर्षा के जल से ही सिंचित होती है। पिछले चार साल से देश में सामान्य मानसून देखा रहा था जिसकी वजह से फसल उत्पादन भी बड़ी मात्रा में हुआ। (एजेंसी)