मोदी को बड़ी गंभीरता से लेता हूं, लापरवाही की गुंजाइश ही नहीं: मनमोहन
Advertisement
trendingNow173014

मोदी को बड़ी गंभीरता से लेता हूं, लापरवाही की गुंजाइश ही नहीं: मनमोहन

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि वह भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को ‘बहुत गंभीरता’ से लेते हैं और उसमें लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है।

fallback

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि वह भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को ‘बहुत गंभीरता’ से लेते हैं और उसमें लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है।
मनमोहन ने एक कार्यक्रम में एक सवाल के जवाब में कहा कि राजनीतिक पार्टी होने के नाते हम शासन की बागडोर अस्थिर करने की विपक्ष की शक्ति को कम कर के नहीं आंक सकते। प्रधानमंत्री ने यह बात तब कही जब उनसे उनके कैबिनेट सहयोगियों के विभिन्न मतों के बारे में पूछा गया जिनमें से एक राय यह थी कि मोदी की तरफ से पेश चुनौती को गंभीरता से लिया जाना चाहिए जबकि दूसरी राय ने विपक्ष को खारिज कर दिया था।
मनमोहन ने कहा कि मैं उन लोगों में से हूं जो अपने विरोधियों को बहुत गंभीरता से लेते हैं। ढिलाई के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी कांग्रेस पार्टी आत्मविश्वास की भावना के साथ चुनाव में जा रही है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजे चाहे जो भी हों, उससे भ्रमित नहीं होना चाहिए। मनमोहन ने इस सवाल को खारिज कर दिया जिसमें पूछा गया था कि क्या सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम विधेयक वोट बटोरने का कोई शिगुफा है। उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश यह सुनिश्चित करने की है कि अगर दंगों को रोका नहीं जा सकता है तो पीड़ितों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से वोट बटोरने वाला कोई शिगुफा नहीं है। मैं समझता हूं कि पिछले पांच या छह साल में हम अपने देश के कुछ हिस्सों में सांप्रदायिक दंगों की समस्या का सामना कर रहे हैं, प्रधानमंत्री ने सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम विधेयक के बुनियादी उसूलों की व्याख्या करते हुए कहा कि अगर दंगों को नहीं रोका जा सकता, दंगों के पीड़ितों के लिए पर्याप्त मुआवजा होना चाहिए।
मनमोहन ने कहा कि मुजफ्फरनगर में और हमारे देश के कुछ अन्य हिस्सों में जो कुछ हुआ वह याद कराता है कि हालांकि एक देश के नाते हम देश के सभी लोगों की रक्षा करने में अपनी क्षमता पर गर्व कर सकते हैं, ऐसे भी समय हैं जब आघात होते हैं। अगर संसद में पारित हो जाता है तो यह विधेयक उन विकृतियों को नियंत्रित करने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के मुद्दे पर कहा कि आतंकवाद का अंतिम लक्ष्य सांप्रदायिक विभाजन कराना होता है। लेकिन सांप्रदायिक कलह पैदा करने के उद्देश्य में उन्हें सफल होने नहीं दिया गया और उन्हें परास्त कर दिया गया। (एजेंसी)

Trending news