नई दिल्ली : बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ में लोकसभा चुनावों से पहले नक्सलियों के हमले की खुफिया खबरों के बाद केन्द्र ने इन तीनों राज्यों में तैनात सुरक्षाबलों को अधिक सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है ।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि माओवादियों द्वारा राजनीतिक रैलियों और राजनीतिकों को निशाना बनाये जाने की आशंका से चिन्तित गृह मंत्रालय ने तीनों राज्यों में तैनात अर्धसैनिक बलों से कहा है कि वे अधिक से अधिक एहतियात बरतें और नक्सलियों की शांति भंग करने की किसी भी कोशिश को राज्य पुलिस के साथ मिलकर नाकाम करें ।
खुफिया खबरों से पता लगा है कि नक्सल छत्तीसगढ में विधानसभा चुनावों से पहले मई 2013 में कांग्रेस नेताओं पर किये गये हमले की तर्ज पर कोई बडा हमला कर सकते हैं । उस हमले में छत्तीसगढ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नंद कुमार पटेल और पूर्व केन्द्रीय मंत्री वी सी शुक्ल सहित लगभग 30 लोग मारे गये थे ।
इसके अलावा 2013 में झारखंड में नक्सल हिंसा की 383 वारदात हुइ’, जिनमें 150 सुरक्षाकर्मी और आम लोग मारे गये । छत्तीसगढ में ऐसे 353 मामले हुए, जिनमें 110 लोगों को जान गंवानी पडी ।
नक्सल हिंसा में बिहार में सुरक्षाकर्मियों सहित 69 लोगों को 2013 में जान गंवानी पडी । नक्सलियों ने हिंसा की कुल 176 वारदात को अंजाम दिया । गृह मंत्रालय झारखंड में माओवादी हिंसा से बुरी तरह प्रभावित 13 जिलों की पहचान की है । छत्तीसगढ में ऐसे अत्यंत संवेदनशील आठ जिले हैं जबकि बिहार में पांच ।
नक्सलियों द्वारा हिंसा की अधिक घटनाओं से चिन्तित सरकार ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह माओवादी हिंसा प्रभावित 26 जिलों और सात अन्य जिलों में पहले चरण के तहत ही मतदान कराये ताकि अधिक से अधिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके । अप्रैल मई में कई चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य पुलिस बलों के अलावा केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों के 1.20 लाख से अधिक जवान तैनात किये जाएंगे । (एजेंसी)
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बिहार,छत्तीसगढ़,झारखंड में सुरक्षाबल एलर्ट पर
बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ में लोकसभा चुनावों से पहले नक्सलियों के हमले की खुफिया खबरों के बाद केन्द्र ने इन तीनों राज्यों में तैनात सुरक्षाबलों को अधिक सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है ।
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