नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के निलंबित अधिकारी प्रदीप शर्मा के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जांच गुजरात पुलिस से लेकर केन्द्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने से आज इंकार कर दिया। प्रदीप शर्मा ने गुजरात सरकार पर उनके प्रति दुराग्रह रखने का आरोप लगाया था।
न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने जासूसी कांड विवाद में उनके और एक महिला की निगरानी कराने के मामले में राज्य सरकार के खिलाफ जांच कराने का प्रदीप शर्मा का अनुरोध भी ठुकरा दिया।
न्यायाधीशों ने कहा, ‘हमारी राय है कि आपराधिक मामलों को सीबीआई को स्थानांतरित करने का मामला नहीं बन सका है। हमने याचिका खारिज कर दी है।’ न्यायाधीशों ने कहा, ‘‘हमारी सुविचारित राय है कि दूसरी याचिका (जिसमें जासूसी का मसला उठाया गया है) भी खारिज की जानी चाहिए।’ न्यायालय ने आपराधिक मामले सीबीआई को स्थानांतरित करने के लिये दायर याचिका खारिज करते हुये स्प्ष्ट किया कि वह इन मामलों के गुण दोष पर कोई राय व्यक्त नहीं कर रहा है।
इस आईएएस अधिकारी के खिलाफ राजकोट इलाके में 2008 से भूमि घोटाले में कथित संलिप्तता को लेकर दर्ज मामले सहित पांच आपराधिक मामले चल रहे हैं। यह अधिकारी चाहता था कि उनके मामलों को सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया जाये।