मोदी से की पत्नी यशोदा को अपनाने की अपील

भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी द्वारा पहली बार खुद के शादीशुदा होने की बात स्वीकार करने के बाद जींद की बीबीपुर ग्राम पंचायत ने भी नरेन्द्र मोदी से अपनी पत्नी यशोदा बेन को अपनाने की अपील की है। ग्राम पंचायत ने नरेन्द्र मोदी को उनकी साइट, मेल पर पत्र भी भेजा है।

जींद: भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी द्वारा पहली बार खुद के शादीशुदा होने की बात स्वीकार करने के बाद जींद की बीबीपुर ग्राम पंचायत ने भी नरेन्द्र मोदी से अपनी पत्नी यशोदा बेन को अपनाने की अपील की है। ग्राम पंचायत ने नरेन्द्र मोदी को उनकी साइट, मेल पर पत्र भी भेजा है।
शुक्रवार को गांव बीबीपुर में सैंकडों महिलाओं ने गांव के सरपंच सुनील जागलान की अगुवाई में एक बैठक की। बैठक में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी से अपील की गई कि वे अपनी पत्नी यशोदा बेन को अपनाएं। सरपंच सुनील जागलान ने बताया कि जब देश भर के समाचार पत्रों में नरेन्द्र मोदी व उनकी पत्नी यशोदा बेन के बारे में पढ़ा। गांव की सभी महिलाओं को यह जानकर बहुत हैरानी हुई की गुजरात के मुख्यमंत्री व भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी अपने प्रचार में महिलाओं को और अधिकार दिलाने की बात कर रहे है और उनकी खुद की पत्नी अपने अधिकार से वंचित है।
जागलान ने कहा कि पिछले करीब 45 साल से यशोदा बेन, नरेन्द्र मोदी की पत्नी के रूप में अपना जीवन बीता रही है और उनके लिए मंगल कामना कर रही है। बैठक में मौजूद रितू जागलान, संगीता देवी, मुकेश देवी, केला देवी, अनिता व पिंकी कुमारी ने नरेन्द्र मोदी से मांग की है कि वह यशोदा बेन को पत्नी के रूप में अपनाएं। उन्होंने कहा कि आज तक दोनों में कोई तलाक नहीं हुआ है।
अपने चार भाई-बहनों में सबसे बड़ीं जशोदाबेन की शादी 1968 में 17 साल की उम्र में मोदी से कर दी गयी थी। गुजरात की एक साप्ताहिक पत्रिका में प्रकाशित इंटरव्यू में जशोदाबेन ने कहा था कि दोनों बहुत कम समय साथ रहे थे।
विवरण मिलता है कि मोदी अपनी शादी के कुछ ही समय बाद घर छोड़कर चले गये और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक बन गये। मोदी ने जशोदाबेन को आगे पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित किया था जिसके चलते उन्होंने प्रारंभिक शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम किया और उन्हें नौकरी मिल गयी। मोदी के बड़े भाई सोमभाई ने कल कहा था कि मोदी की जशोदाबेन से शादी एक सामाजिक औपचारिकता हो गयी थी।
सोमभाई ने कहा था, ‘हमारे माता-पिता बहुत ज्यादा नहीं पढ़े थे और हमारा परिवार गरीब था। उनके लिए नरेंद्र मोदी अन्य किसी बच्चे की तरह ही थे। इसी तरह से हमारे माता-पिता ने उनकी शादी छोटी उम्र में जशोदाबेन से करा दी लेकिन यह केवल एक सामाजिक औपचारिकता बनकर रह गयी।’ मोदी ने वड़ोदरा लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल करते समय अपने हलफनामे में पहली बार अपने शादीशुदा होने का उल्लेख किया है और पत्नी के खाने में जशोदाबेन का नाम लिखा है।
भाजपा नेता की इस स्वीकारोक्ति के बाद से ही विरोधी दलों के तमाम नेता उन्हें आड़े हाथ ले रहे हैं और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी आज जम्मू कश्मीर के डोडा में अपनी रैली में अब तक पत्नी का नाम सार्वजनिक नहीं करने को लेकर मोदी पर निशाना साधा। (एजेंसी)

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