चंडीगढ़ : भारत रत्न के लिए मेजर ध्यानचंद के नाम की अनुशंसा के बीच एक और महान हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर ने कहा है कि वह भी देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान के हकदार हैं और उम्मीद है कि उन्हें यह जीतेजी मिलेगा।
तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता 90 बरस के बलबीर का मानना है कि उन्हें वह सम्मान नहीं मिला जिसके वह हकदार थे। अभी तक सिर्फ पद्मश्री से नवाजे गए बलबीर ने कहा कि उपेक्षा से वह आहत हैं लेकिन सम्मान और पुरस्कार देना सरकार का फैसला होता है।
उन्होंने कहा, यदि बतौर खिलाड़ी, कप्तान, कोच , मैनेजर और खेल प्रशासक मेरे रिकार्ड और उपलब्धियां देखें तो मुझे भारत रत्न मिलना चाहिये। लेकिन मैं यहां कहना चाहता हूं कि यह सरकार या ईश्वर की मर्जी पर निर्भर होगा। बलबीर ने कहा, मुझे भी भारत रत्न मिलने की उम्मीद है और वह भी जीतेजी। उन्होंने कहा कि वह पूरी जिंदगी गुरू गोबिंद सिंह की शिक्षा पर अमल करते आयें हैं और भगवान कृष्ण के शब्द भी उनके कानों में गूंजते रहते हैं कि फल की इच्छा किये बिना कर्म करते रहना चाहिये। दुनिया के महानतम सेंटर फारवर्ड में शुमार बलबीर अपने दोस्त राम स्वरूप की बातें याद करके भावुक हो गए।
उन्होंने कहा,वह मुझसे कहता था कि यह सतयुग नहीं बल्कि कलयुग है। जब तक आप खुद नहीं कहेंगे, आपकी उपलब्धियों को कोई नहीं सराहेगा । लेकिन मुझे नहीं पता कि अपना गुणगान कैसे किया जाता है। बलबीर के परिवार ने भी कहा कि वह किसी और खिलाड़ी से ज्यादा भारत रत्न सम्मान के हकदार हैं।
बलबीर की बेटी सुशबीर कौर ने कहा, उन्होंने इतिहास रचा है। मैं चाहती हूं कि नरेंद्र मोदी सरकार उनके साथ इंसाफ करे। व्यवस्था पारदर्शी होनी चाहिये। फिलहाल ऐसा नहीं है क्योंकि यदि ऐसा होता तो सभी खिलाड़ियों के प्रदर्शन की तुलना करके सर्वश्रेष्ठ को चुना जाता।
उन्होंने कहा, यदि एक लीजैंड की इस तरह उपेक्षा की जा सकती है तो औसत खिलाड़ी का क्या होगा। उन्होंने कहा, वह पिछले 62 साल से सम्मान का इंतजार कर रहे हैं। सम्मान और पुरस्कार की बारी आती है तो किसी और को मिल जाता है। मुझे न्याय चाहिये और उम्मीद है कि उनके जीतेजी मिलेगा। बलबीर के करीबी सहयोगी और चंडीगढ हाकी संघ के उपाध्यक्ष एस के गुप्ता ने भी कहा कि बलबीर अधिक सम्मान के हकदार हैं। उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें अभी तक वह सम्मान नहीं मिला जिसके वह हकदार हैं। उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिये।