मुंबई : शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का निवास ‘मातोश्री’ आज दिन भर गतिविधियों का केंद्र बना रहा और पार्टी नेतृत्व ने 15 अक्तूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए जिला इकाइयों के प्रमुखों और स्थानीय नेताओं के साथ बैठकें की।
शिवसेना के एक नेता के अनुसार बैठकों में पार्टी के सांसद और वरिष्ठ नेता शामिल हुए। हालांकि पार्टी नेता ने इसे ‘उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए नियमित बैठक’ करार दिया। ये बैठकें सीटों को लेकर शिवसेना तथा भाजपा दोनों के अपने अपने रूख पर कायम रहने की पृष्ठभूमि में हुई। सीटों के तालमेल को लेकर शिवसेना तथा भाजपा के बीच का गठबंधन मुश्किलों के दौर से गुजर रहा है।
पार्टी नेता ने कहा कि शिवसेना के इस ‘आखिरी’ प्रस्ताव पर भाजपा की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है जिसमें पार्टी ने 151 सीटें अपने पास रखने और भाजपा को 119 सीटें देने की पेशकश की है। शेष सीटें महायुति :महागठबंधन: के छोटे घटकों को देने की बात की गयी हैं।
प्रदेश विधानसभा में 288 सीटें हैं और 2009 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना 169 तथा भाजपा 119 सीटों पर लड़ी थी। इस बीच महायुति के घटकों राष्ट्रीय समाज पार्टी और स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के प्रतिनिधियों ने उद्धव से मुलाकात की और राजनीतिक गलियारों में गठबंधन को लेकर बढ़ती चिंता के बीच विचार विमर्श किया।
स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के सदाभाउ खोत ने शिवसेना प्रमुख से मुलाकात करने के बाद कहा कि गठबंधन को बचाए रखने के लिए प्रयास जारी हैं। ‘हम समाधान खोजने के लिए कल भाजपा नेताओं से मुलाकात करेंगे।’ सीटों के तालमेल को लेकर हो रही चर्चा के बीच शिवसेना ने भाजपा को 119 सीटों के फार्मूले को स्वीकार करने या इसे छोड़ देने की पेशकश की। भाजपा ने कहा कि इसमें ‘नया कुछ नहीं है।’