बैंकॉक : थाईलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलुक शिनावात्रा को गुरुवार को सैनिक सरकार ने 20 दिवसीय यूरोप की यात्रा करने की अनुमति प्रदान कर दी है। तख्ता पलट में पहली महिला प्रधानमंत्री को बेदखल करने के बाद पहली बार उन्हें यह अनुमति दी गई है।
सेना के प्रवक्ता कर्नल विनथाई सुवारी ने कहा कि नेशनल काउंसिल फॉर पीस एंड ऑर्डर (एनसीपीओ) ने कल प्रधानमंत्री की देश से बाहर जाने की प्रार्थना को स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा कि इस दौरान वह लो प्रोफाइल में रहीं। यिंगलुक को अदालत के विवादास्पद फैसले के बाद पद से हटा दिया गया था और इसके बाद 22 मई को रक्तहीन तख्ता पलट में सेना ने सत्ता को अपने कब्जे में ले लिया था। वह उन सैकड़ों लोगों में से थी जिन्हें सैनिक सरकार द्वारा समन किया गया था और अस्थायी तौर पर हिरासत में लिया गया था।
सेना प्रमुख जनरल प्रायुथ चान-ओचा ने कहा था कि आधे साल तक चले सरकार विरोधी प्रदर्शन और राजनीति उथल-पथुल जिसमें कम से कम 28 लोग मारे गए थे और सरकार को लकवा मार गया था। इसके बाद व्यवस्था को फिर से स्थापित करने के लिए तख्ता पलट जरूरी था। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि यिंगलुक संभवत: अगले हफ्ते पेरिस का दौरा कर सकती हैं और अपने भाई थाकसिन के 65 वें जन्मदिन उत्सव में शामिल हो सकती हैं।