TMC, राकांपा संजय को माफी देने के पक्ष में तो शिवसेना खिलाफ

वर्ष 1993 में मुंबई बम धमाकों के मामले में अवैध हथियार रखने पर अभिनेता संजय दत्त को मिली सजा को माफ करने को लेकर सियासी दलों ने अलग-अलग राय जाहिर की है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और तृणमूल कांग्रेस का मानना है कि संजय दत्त को सजा से माफी मिलनी चाहिए जबकि शिवसेना का कहना है कि संजय को माफी देने से समाज में गलत संदेश जाएगा।

ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी
नागपुर/कोलकाता : वर्ष 1993 में मुंबई बम धमाकों के मामले में अवैध हथियार रखने पर अभिनेता संजय दत्त को मिली सजा को माफ करने को लेकर सियासी दलों ने अलग-अलग राय जाहिर की है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और तृणमूल कांग्रेस का मानना है कि संजय दत्त को सजा से माफी मिलनी चाहिए जबकि शिवसेना का कहना है कि संजय को माफी देने से समाज में गलत संदेश जाएगा।
अभिनेता संजय दत्त को माफी देने की मांग कर रहे नेताओं एवं फिल्म सितारों की पंक्ति में शामिल होते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा, ‘वह इस भारी भूल के लिए पहले ही काफी झेल चुके हैं।’
मुख्यमंत्री ने फेसबुक पर अपनी टिप्पणी में कहा,‘मुझे समाज और फिल्म हस्तियों के यह अनुरोध मिले हैं कि संजय को अब और परेशानी नहीं झेलनी पड़े।’
उन्होंने कहा, ‘हालांकि यह मेरे हाथ में नहीं है, मेरा मानना है कि वह पूर्व में की गयी इस बड़ी गलती के लिए पहले ही काफी झेल चुके हैं। पूरी तरह से बर्बाद हो जाने के बाद उन्होंने अपने करियर को फिर से संवारा।’
संजय के पिता सुनील दत्त के साथ अपने संबंधों की याद करते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि उन दोनों ने टाडा के दुरुपयोग की आशंका को देखते हुए इसके खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ी थी।
उन्होंने कहा, ‘आज मुझे सुनील दत्त की याद आ रही है। वह जब भी कोलकाता आते, मेरे घर जरूर आते। यदि वह जीवित होते तो इस बात में कोई संदेह नहीं है कि वह संजय को परेशान नहीं होने देते।’
ममता ने कहा, ‘मेरी दिल में भी वही भावनाएं हैं। हमें संजय के लिए प्रार्थना करनी चाहिए ताकि वह शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत कर सकें।’
उच्चतम न्यायालय ने 2006 में संजय दत्त को दी गयी छह साल के जेल की सजा को घटाकर पांच साल कर दिया था। त्रेपन वर्षीय अभिनेता चूंकि 18 माह जेल में बिता चुके हैं, उन्हें अब साढ़े तीन साल जेल में और बिताने होंगे।
राकांपा के प्रवक्ता डी पी त्रिपाठी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा पांच साल की सजा सुनाये जाने के बाद अभिनेता संजय दत्त माफी पाने के हकदार हैं तथा सजा कम करने के उनके अनुरोध पर सकारात्मक ढंग से विचार करना चाहिए।
त्रिपाठी ने कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल के समक्ष जब भी संजय दत्त द्वारा दया याचिका भेजी जाती है तो उस पर सकारात्मक एवं सहानुभूतिपूर्वक ढंग से विचार किया जाना चाहिए।
राकांपा प्रवक्ता ने कहा कि शीर्ष न्यायालय ने उन पर से आतंकवाद का बिल्ला हटा लिया है तथा उन्हें अपने घर पर महज हथियार रखने का दोषी पाया गया है।
त्रिपाठी ने दावा किया कि राकांपा का पहले ही दिन से यह रुख रहा है कि उन्हें माफ कर दिया जाना चाहिए। इस मामले में उनकी पार्टी का रुख शिवसेना की तरह नहीं है जिसने पहले उनका समर्थन किया और अब अपना रवैया बदल लिया।
दूसरी ओर शिवसेना ने बालीवुड स्टार संजय दत्त को माफ किये जाने के कदम का सोमवार को विरोध किया और कहा कि इससे समाज में गलत संदेश जायेगा।
महाराष्ट्र में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर विधान परिषद में चर्चा के दौरान शिवसेना की विधान परिषद सदस्य नीलम गोर्हे ने कहा,‘उच्चतम न्यायालय के फैसले पर पुनर्विचार नहीं करना चाहिये। यदि दत्त को माफी दी गई तो समाज में इसका गलत संदेश जायेगा।’
इससे पहले 19 मार्च को उच्चतम न्यायालय ने प्रतिबंधित हथियार एके-56 राइफल रखने के लिये शस्त्र कानून के तहत दत्त को दोषी ठहराये जाने के फैसले को बरकरार रखा था। न्यायालय ने उन्हें पांच साल जेल की सजा सुनाई है।
नीलम ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने मांग की है कि उन्हें माफी दी जानी चाहिये। लेकिन दत्त के प्रति नरमी बरतना, इस मामले में दोषियों को राजनीतिक संरक्षण देने जैसा होगा।
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन कांग्रेस सांसद और अभिनेता संजय दत्त के पिता सुनील दत्त घटना के समय शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के पास गये थे ताकि अवैध हथियार रखने के आरोप में बेहद कठोर माने जाने वाले टाडा कानून के तहत गिरफ्तार किए गए उनके बेटे को कुछ राहत मिल सके।

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