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MP: दिग्विजय सिंह ने यूं ही नहीं की यात्रा, CM शिवराज के लिए भ्ाी अहम है 'नर्मदा'
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह के बयान ने मध्यप्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है.
Apr 11, 2018, 16:32 PM IST
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह के बयान ने मध्यप्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है.
Jaivardhan Singh said his father digvijay singh will do full time politics now
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्द्धन सिंह के बयान ने मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है. उन्होंने कहा कि उनके पिता नर्मदा परिक्रमा के बाद फुल टाइम राजनीति करेंगे और एमपी में कांग्रेस को मजबूत करेंगे. दिग्विजय सिंह की छह माह लंबी यात्रा नौ अप्रैल को समाप्त हुई है. इस दौरान भले ही उन्होंने कहा है कि नर्मदा परिक्रमा धार्मिक और निजी यात्रा थी, लेकिन एमपी में नर्मदा का सियासी महत्व बहुत ही दिलचस्प है.
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इसी कड़ी में मध्य प्रदेश में बीते दिनों 'नर्मदा घोटाला रथ यात्रा' निकालने की घोषणा करने वाले कंप्यूटर बाबा और पंडित योगेंद्र महंत सहित पांच सांधुओं को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया है. कांग्रेस ने इस पर सवाल किया था कि क्या इन्होंने राज्यमंत्री का दर्जा हासिल करने के लिए ही इस यात्रा का ऐलान किया था.
founder of the Narmada Bachao Andolan Medha Patkar also active in her mission
वहीं, मध्य प्रदेश के नर्मदा घाटी के डूब प्रभावितों के पुनर्वास की लड़ाई लड़ रहीं नर्मदा बचाओ आंदोलन की कार्यकर्ता मेधा पाटकर की अगुआई में दोबारा 'नर्मदा न्याय यात्रा' निकाली गई थी. पूर्व में मेधा ने बेमियादी उपवास किया, उस दौरान उन्हें गिरफ्तार कर 16 दिन तक जेल में रखा गया. जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने पुन: 'नर्मदा न्याय यात्रा' शुरू की थी.
through narmada yatra digvijay singh may create challenge to Jyotiraditya Scindia in congress
इस यात्रा के लिए दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस महासचिव के पद से बाकायदा छुट्टी ली थी. अब इस यात्रा के समापन के बाद मध्य प्रदेश की सियासत में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि दिग्विजय सिंह की आगे की सियासी राह क्या होगी? क्या दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए चुनौती पेश करने वाले हैं? हालाकि उन्होंने मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया है.
narmada yatra can change the face of digvijay singh as a liberal hindu
यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि इस यात्रा के माध्यम से दिग्विजय सिंह कुछ हद तक हिंदुत्व विरोधी अपनी छवि तोड़ने का प्रयास कर रहे थे. ऐसा इसलिए क्योंकि आजकल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भी मंदिर जाने की सार्वजनिक रूप से चर्चा होती है. यात्रा के समापन पर कमलनाथ की उपस्थिति और ज्यातिरादित्य सिंधिया की गैरमौजूदगी भी सवाल खड़े करती है.