एनसीपी की शर्तः केंद्र से इस्तीफा दें मंत्री, एनडीए से हटे शिवसेना तब देंगे समर्थन

महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव सियासी चकरघिन्नी बन गया है. इसमें सब इधर-उधर नाच रहे हैं, लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रहे हैं. भाजपा के सरकार बनाने की दौड़ से हटाने के बाद बाकी बीच तीन पार्टियों के बढ़ते कदम गिने जा रहे हैं. लेकिन अब इस राह में एक नया मोड़ आ गया है.

Last Updated : Nov 11, 2019, 07:47 AM IST
    • एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि हमने 12 नवंबर को अपने विधायकों की बैठक बुलाई है
    • एनसीपी ने शिवसेना के सामने समर्थन देने के लिए शर्त रखी है.
एनसीपी की शर्तः केंद्र से इस्तीफा दें मंत्री, एनडीए से हटे शिवसेना तब देंगे समर्थन

मुबईः 17वें दिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की गुत्थी और उलझ गई. भाजपा ने रविवार शाम तक सरकार बनाने से इनकार कर दिया था. इसके बाद अब सभी की निगाहें एनसीपी, शिवसेना की ओर थीं. ऐसी जानकारी आई थी कि एनसीपी, शिवसेना को समर्थन करने के लिए तैयार है. लेकिन रात होते-होते इस मामले में फिर नया मोड़ आ गया है. जानकारी के अनुसार एनसीपी ने शिवसेना के सामने समर्थन देने के लिए शर्त रखी है. एनसीपी ने कहा है कि उसे भाजपा से अलग होना पड़ेगा.

एनसीपी ने रखी यह शर्त
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि हमने 12 नवंबर को अपने विधायकों की बैठक बुलाई है. अगर शिवसेना हमारा समर्थन चाहती है, तो उन्हें यह घोषणा करनी होगी कि उनका भाजपा के साथ कोई संबंध नहीं है और उन्हें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से बाहर होना होगा.

उनके सभी मंत्रियों को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना होगा. यह भी सूचना है कि एनसीपी, शिवसेना के साथ कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाएगी, जिसमें यह तय होगा कि सरकार चलाने के लिए किन मुद्दों पर साथ आया जाए. एनसीपी ने शिवसेना के सामने भाजपा से पूरी तरह अलग होने की शर्त रखी है, इसके बाद ही एनसीपी, शिवसेना को समर्थन देगी.

राउत कह चुके हैं, शिवसेना का ही होगा सीएम
महाराष्ट्र में सरकार नहीं बनाने की बीजेपी की घोषणा के बाद शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि पार्टी किसी भी कीमत पर राज्य में अपना मुख्यमंत्री बनाएगी. राउत ने मीडिया से उद्धव ठाकरे के बयान पर जोर देकर कहा कि महाराष्ट्र में किसी भी कीमत पर शिवसेना का ही मुख्यमंत्री बनेगा. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने कहा है तो सरकार शिवसेना ही बनाएगी. हालांकि ऐसा कैसा होगा, यह अभी तक तय होता नहीं दिख रहा है.

कांग्रेस भी चाहती है सरकार बने
रविवार को दिन भर चली सियासी खींचतान में कांग्रेस की तरफ से शांत प्रतिक्रिया ही आई है. पार्टी का इतना कहना है कि वह राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहती है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि पार्टी के नव-निर्वाचित विधायक राज्य में राजनीतिक रुख को लेकर आला-कमान से सलाह लेंगे.  अंतरिम अध्यक्ष ही अगले कदम का फैसला लेंगी. उन्होंने मीडिया से कहा, हम जयपुर में हैं. हम मुद्दे पर यहां चर्चा करेंगे और भविष्य के राजनीतिक रूख पर सलाह लेंगे. पार्टी राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहती है. चव्हाण ने कहा कि वह महाराष्ट्र में सरकार बनाने के पक्ष में हैं.

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