मुंबई: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है. राज्यपाल ने महाराष्ट्र में सरकार गठित करने के लिए शिवसेना को 24 घंटे का वक्त दिया था. लेकिन वह तीन दिनों का वक्त मांग रही थी. जिसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी थी. उधर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की बैठक अभी चल ही रही थी. लेकिन अभी तक वो किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं. बैठक के बाद शरद पवार और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने आकर मीडिया को संबोधित किया, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि वह अभी तक कोी फैसला नहीं ले पाए हैं.
NCP Chief Sharad Pawar: We are in no hurry. We will hold discussions with Congress and then take a decision (to support Shiv Sena). #MaharashtraGovtFormation pic.twitter.com/MYYYgEpKv0
— ANI (@ANI) November 12, 2019
इसके साथ ही यह भी सूचना है कि शिवसेना ने राज्यपाल के इस कदम का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से इसके लिए संपर्क साधा है. शिवसेना महाराष्ट्र में सरकार बनाने से संबंधित सभी कानूनी पहलुओं पर राय ले रही है. दरअसल शिवसेना इस बात से नाराज है कि उसे राज्यपाल की तरफ से सरकार बनाने मात्र 24 घंटे ही मिले. जबकि उन्होंने तीन दिनों की मांग की थी.
Shiv Sena files petition in Supreme Court challenging Maharashtra Governor's decision to not extend the time given to the party to prove their ability to form government. Advocate Sunil Fernandez has filed the plea for Shiv Sena. pic.twitter.com/vVbZqCdtH5
— ANI (@ANI) November 12, 2019
इसके पहले दिन में भी महाराष्ट्र में सरकार बनाने के मुद्दे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की बैठक हुई जिसमें एनसीपी प्रमुख शरद पवार समेत सभी बड़े नेताओं ने शिरकत की. इस बैठक के बाद वरिष्ठ एनसीपी नेता नवाब मलिक ने बाहर आकर बयान दिया कि महाराष्ट्र में सरकार के गठन पर आखिरी फैसला शरद पवार ही करेंगे. कांग्रेस नेताओं के साथ बातचीत करने के बाद ही फैसला किया जाएगा. एनसीपी ने स्पष्ट कर दिया है कि बिना कांग्रेस को भरोसे में लिए किसी तरह का फैसला नहीं किया जाएगा.
Nawab Malik, NCP: Today NCP meeting was held. All 54 MLAs were present. It has been decided that looking at the uncertainty in the state, we'll empower Sharad Pawar ji to take a decision on alternative govt.A committee will be formed for the same which will be led by Sharad Pawar pic.twitter.com/c9tOLG6NEY
— ANI (@ANI) November 12, 2019
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जो देरी हो रही है, उसी वजह से राष्ट्रपति शासन की नौबत आ गई है. दरअसल देरी कांग्रेस की तरफ से हो रही है. जो कि शिवसेना की कट्टर छवि की वजह से उसके साथ जाने से हिचक रही है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे सरकार बनाने से पहले कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाने को लेकर बयान दे चुके हैं.
Sushil Kr Shinde, Congress: There's no issue of Congress being late, we've been alert since beginning. We had asked them (NCP) if they've sent a letter(to Governor). Things will have to be done simultaneously, they're our partner. Whatever decision is taken,it'll be done together pic.twitter.com/4g9eFHXxLy
— ANI (@ANI) November 12, 2019
फिलहाल कांग्रेस नेता इसपर कुछ भी कहने से बचते हुए दिख रहे हैं. वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड्गे ने बयान दिया है कि महाराष्ट्र के मसले पर जो भी फैसला होना है वह शरद पवार और सोनिया गांधी मिलकर ही करेंगे.
Senior Congress leader Mallikarjun Kharge: Congress president Sonia Gandhi ji and Sharad Pawar ji too held discussion. We will hold further talks and will take a decision collectively. https://t.co/8GUfgj5BRA pic.twitter.com/rIxTdsJZ3O
— ANI (@ANI) November 12, 2019