भोपाल: पचमढ़ी के आर्मी कैम्प में आधी रात को दो संदिग्ध कार से पहुचे. काले ट्रैक शूट ओर केप लगाए संदिग्ध ने आर्मी केम्प के संतरी को आर्मी अफसर बताकर प्रवेश किया. इसके बाद वंहा रखी दो इंसास राइफल ओर 20 राउंड जिंदा कारतूस लेकर वापस कार से पिपरिया के लिए निकल गए.
दोनों संदिग्धों ने रात 12. 30 बजे पिपरिया से टैक्सी ली थी. मामला उजागर होने के बाद से हड़कंप मच गया है। जिले भर में नाकेबंदी कर दी गई.
गुरुवार देर रात हुई ये वारदात
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वारदात को गुरुवार देर रातअंजाम दिया गया. होशंगाबाद आईजी आशुतोष राय ने बताया कि अभी शुरुआती सूचना के आधार पर पुलिस ने अलर्ट जारी कर दिया है.
बता दें कि ठीक इसी तरह उरी में भी जब जवान सो रहे थे तब अचानक आतंकवादियों ने चोरी से हमला कर दिया था और उस घटना में 16 जवान शहीद हो गए थे.
बदमाशों को भगाने में मदद करने वाला ड्राइवर गिरफ्तार
जानकारी के मुताबिक उस ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है जिसने इन सभी आरोपियों को भगाने में मदद की थी. पकड़ा गया ड्राइवर ही इन बदमाशों को लेकर पचमढ़ी गया था. ड्राइवर ने इन लोगों को शुक्रवार सुबह पिपरिया स्टेशन छोड़ा, जहां श्रीधाम एक्सप्रेस आने वाली थी.
इससे पता चलता है कि इन बदमाशों के जबलपुर भागने की पूरी संभावना हैं. इसकी मदद से बदमाश इंसास रायफल के साथ कई राउंड गोलियां भी ले गए हैं, जो की बहुत खतरनाक साबित हो सकती है.
पुलिस सीसीटीवी फुटेज की कर रही है तलाश
जानकारी के मुताबिक आरोपी जबलपुर स्टेशन गये थे. जबलपुर स्टेशन के CCTV फुटेज देखे जा रहे हैं. वही पिपरिया स्टेशन पर CCTV कैमरे नहीं होने के कारण पुलिस काफी परेशान हो रही है.
सूत्रों की मानें, तो सेना शिक्षा कोर प्रबंधन अपने आला अधिकारियों से बात कर अंदरूनी जांच कर रहा है.
इस घटना ने दिलाई उरी हमले की याद
उरी हमला 18 सितम्बर 2016 को जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर हुआ था. इसमें 16 जवान शहीद हो गए थे. यह भारतीय सेना पर किया गया, लगभग 20 सालों में सबसे बड़ा हमला था.
इस घटना में भी आतंकी इसी तरह चोरी से कैंप में घुसे और ताबड़तोड़ गोलियां निहत्थे जवानों पर चलाने लगे थे. उरी हमले की ही तरह पचमढ़ी के आर्मी कैम्प में भी बदमाश चोरी से घुसे और जवानों की कीमती राइफल उठा ले गये.
गनीमत की बात है कि किसी तरह का जानलेवा हमला नहीं हुआ. फिर भी इस घटना ने सभी प्रशासनिक अधिकारियों की नींद उड़ा दी है. अब खुफिया विभाग और अधिक सतर्क होने की जरूरत है.