ढाका. खबर अटपटी जरूर है मगर सच है. भारत एक स्वाभिमानी देश है जो अपनी नागरिकता बेचता नहीं, नियम-क़ानून पर आधारित भारत की नागरिकता बिकाऊ नहीं है न ही दान में दी जाती है. नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध करने वालों के लिए भारत से बेहतर विकल्प बांग्लादेश है.
वैध तरीके से खरीदी जा सकती है नागरिकता
बांग्लादेश की नागरिकता को खरीदना वहां गैरकानूनी नहीं है. वर्ष 2017 में इसके लिए बाकायदा क़ानून बनाया गया जिसके अनुसार कोई भी व्यक्ति इस देश में आर्थिक निवेश करके यहां का नागरिक बन सकता है.
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रीब 53 लाख रुपये में खरीदिये नागरिकता
अगर आप बांग्लादेश में 75 हजार यूएस डॉलर अर्थात लगभग 53 लाख रुपए का निवेश करें तो आपको इस देश की स्थायी नागरिकता मिल सकती है. आपको यहां के नागरिकों की सभी सुविधाएं भी हासिल होंगी और जब तक आप चाहें यहां रह सकते हैं, आपको यहां आनेजाने के लिए वीज़ा की आवश्यकता भी नहीं होगी.
बांग्लादेश की माली हालत जिम्मेदार
बांग्लादेश एक अर्धविकसित देश है. यहां जनसंख्या का दबाव अधिक है और संसाधनों की कमी ज्यादा. बात करें प्राकृतिक संसाधनों की या देश की उत्पादकता की तो दोनों ही मोर्चों पर बांग्लादेश एक नाकाम देश है. ऐसी हालत में आर्थिक स्थिति के खस्ताहाल चेहरे को ठीक करने के लिए यहां सरकार ने ये तरीका निकाला है. ये बात दीगर है कि यहां आना पसंद करने वाले लोगों की तादात कम नहीं होगी बल्कि बहुत ही कम होगी.
एक तीर से दो निशाने
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ये नायाब तरकीब खोज निकाली है. उनकी सरकार का मानना है कि इस तरह से देश का राजस्व भी बढ़ेगा और देश में निवेश भी होंगे जो कि बांग्लादेश को दुनिया के व्यापारिक देशों में शामिल होने के अवसर पैदा करेंगे.