खुल गए बाबा केदार के कपाट, पूजा में 16 लोग ही शामिल

. कोरोना संकट के बीच बुधवार सुबह ठीक 6 बजकर 10 मिनट पर भगवान शिव के 11वें ज्योतिर्लिंग के रूप में विख्यात बाबा केदारनाथ के कपाट खोल दिए गए.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 29, 2020, 07:34 AM IST
    • भगवान केदार की पूजा-अर्चना विधि विधान के साथ
    • कोरोना संकट के बीच बुधवार सुबह ठीक 6 बजकर 10 मिनट पर खुले कपाट
खुल गए बाबा केदार के कपाट, पूजा में 16 लोग ही शामिल

रुद्रप्रयाग: गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद बाबा केदारनाथ के दर भी खुल गए हैं. इस साल लॉकडाउन और कोरोना वायरस के कारण चारधाम यात्रा खटाई में है. अभी तक श्रद्धालुओं को दर्शन करने से संबंधित गाइडलाइंस जारी नहीं की गई है, लेकिन धाम के कपाट तय मुहूर्त पर खोले गए. इस दौरान मंदिर महंत और पुजारियों को लॉकडाउन का पालन करना और सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाना अनिवार्य किया गया. 

सुबह 6 बजे खुले कपाट
 कोरोना संकट के बीच बुधवार सुबह ठीक 6 बजकर 10 मिनट पर भगवान शिव के 11वें ज्योतिर्लिंग के रूप में विख्यात बाबा केदारनाथ के कपाट खोले गए. केदारनाथ धाम को भव्य तरीके से सजाया गया. बाबा की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली भी अपने अतिम पड़ाव केदारधाम में रात्रि प्रवास के लिए पहुंच गई थी. 

26 अप्रैल को निकली थी डोली
लॉकडाउन में विशेष तैयारियों के साथ बाबा केदार की डोली 26 अप्रैल को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुई थी. डोली ने पहला रात्रि प्रवास रामपुर फाटा करने के बजाय गौरीकुंड में किया और मंगलवार को दूसरे रात्रि प्रवास के लिये लिनचैली लाई गई.

पहली पूजा पीएम मोदी के नाम से होगी
भगवान केदार की पूजा-अर्चना विधि विधान के साथ कल कपाट खुलते ही प्रारम्भ हो जाएगी. केदारनाथ में सबसे पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की जाएगी. इस बार कोरोना संकट के चलते धाम में बाबा के जयकारों का उद्घोष नहीं सुनाई देगा. मुख्य पुजारी समेत केवल 16 लोग की कपाट खुलते वक्त मौजूद रहेंगे. जिसमें बदरी-केदार मंदिर समिति के कर्मचारी, हकहकूकधारी, वेदपाठी और पुजारी मौजूद हैं. इस बार केदारनाथ के रावल भी क्वारंटाइन में होने के चलते कपाट खुलते वक्त मौजूद नहीं हो पाएंगे. उनके द्वारा अधिकृत मुख्य पुजारी ही कपाट खोलेंगे.

अक्षय तृतीया को जन्मे थे परशुराम, जानिए श्रीहरि के आवेशावतार का मर्म

सजावट में 10 क्विंटल फूलों का इस्तेमाल
प्रशासन का कहना है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के बाद परिस्थितियां सामान्य होने के बाद ही यात्रा संचालन का निर्णय लिया जाएगा. केदारनाथ धाम और उसके आस-पास काफी बर्फ है जिससे कड़ाके की ठंड भी पड़ रही है. केदारनाथ मंदिर की सजावट में करीब 10 क्विंटल फूलों का इस्तेमाल किया गया है. संगम से मंदिर परिसर तक बर्फ को काटकर चार फीट चौड़ा रास्ता बनाया गया है.

अक्षय तृतीया को खुले गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट
इसके पहले अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त पर गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए थे. यहां भी लॉकडाउन का असर दिखा था. प्रशासन ने मां गंगा की डोली उत्सव के लिए भीड़ इकट्ठा न करने का निर्देश दिया था. इसी तरह कपाटोद्घाटन पूजा में भी सिर्फ मंदिर महंत व पुजारी ही शामिल हुए थे. 

सिर्फ भक्ति कवि ही नहीं, इस गुप्त संदेश की खास पद्धति देने वाले भी सूरदास ही हैं

ट्रेंडिंग न्यूज़