शाकाहार-मांसाहार के फेर में न पड़ें, लेकिन जरूर खाएं ताजे फल और सब्जियां

आयुर्वेद ऋतु और तापमान के आधार पर खान-पान अपनाने को कहता है और हर स्थिति में सादा, ताजा और पौष्टिक भोजन की वकालत करता है. ऐसे में आयुर्वेद स्पष्ट तौर पर शाकाहार अपनाने की बात करता है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 13, 2020, 06:01 PM IST
    • आयुर्वेद की भाषा में बीमारी को व्याधियां कहा जाता है और इनका होना त्रिदोषों की बढ़ोतरी या असमानता के कारण होता है.
    • शाकाहारी या मांसाहारी लोग अपने आहार में ताजा फलों एवं सब्जियों को मुख्य रूप से स्थान दें, ताकि प्रतिरोधक तंत्र मजबूत हो
शाकाहार-मांसाहार के फेर में न पड़ें, लेकिन जरूर खाएं ताजे फल और सब्जियां

नई दिल्लीः कोरोना संक्रमण की दहशत के समानांतर एक बड़ी बहस भी जारी है. शाकाहारी और मांसाहारी के बीच एक अनदेखी लड़ाई हमेशा रही है. कोरोना को लेकर भी कई तरह की भ्रांतियों और मिथ के बीच यह कहा जा रहा है कि शाकाहारी भोजन करने वाले कोरोना से कम संक्रमित हो रहे हैं.

हालांकि इस तरह का कोई खास शोध नहीं सामने आया है, लेकिन सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से यह प्रचारित हो रहा है कि शाकाहारी लोगों में कोरोना से संक्रमण का खतरा नहीं है, या कम है. 

दुनिया भर में करीब 43 लाख मामले
कोरोना वायरस के संक्रमण से जुड़े काफी भ्रम लोगों में व्याप्त हैं. गरम पानी पीने से लेकर शाकाहारी भोजन तक को अपनाने को लेकर जोर दिया जा रहा है. हालांकि वायरल और सर्दी-जुकाम जैसी स्थिति में गर्म पानी और सादा शाकाहारी भोजन लाभप्रद जरूर होता है, लेकिन कोरोना को लेकर इस खान-पान की प्रक्रिया को इलाज की तरह अपनाने को लेकर संशय की स्थिति है. कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक दुनियाभर में लगभग 43,57,357 लोग संक्रमित हो चुके हैं. 

क्या कहता आयुर्वेद
आयुर्वेद की भाषा में बीमारी को व्याधियां कहा जाता है और इनका होना त्रिदोषों की बढ़ोतरी या असमानता के कारण होता है. त्रिदोष यानी कि वात (वायु), कफ और पित्त दोष. बीमारी की मूल वजह को जानकार उनका शमन करना ही आयुर्वेद के इलाज का तरीका है.

आयुर्वेद ऋतु और तापमान के आधार पर खान-पान अपनाने को कहता है और हर स्थिति में सादा, ताजा और पौष्टिक भोजन की वकालत करता है. ऐसे में आयुर्वेद स्पष्ट तौर पर शाकाहार अपनाने की बात करता है. कोरोना कफ कारक का रोग है, इसलिए इस स्थिति में भी ताजा भोजन की बात कही जाती है. 

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कोरोना को लेकर अभी व्यापक शोध नहीं
कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने के लिए अभी तक कोई दवा या वैक्‍सीन ईजाद नहीं हुई है. यह नया वायरस है, इसलिए इसे लेकर अधिक शोध भी दुनियाभर में नहीं हुई हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इस बात की पुष्टि नहीं है कि शाकाहारी लोगों को कोरोना का संक्रमण नहीं होता है, लेकिन लोगों को अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए संतुलित आहार ही लेना चाहिए. साथ ही वह ताजी हरी सब्जियां और फल हो तो अधिक लाभकारी होंगे. 

फल-सब्जी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाते हैं मजबूत
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में हृदय रोग विभाग के पूर्व प्रमुख ने हालांकि, यह कहा कि फलों एवं सब्जियों को अपने आहार में मुख्य रूप से जगह देने वाले लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है और वे बेहतर तरीके से इस संक्रमण का मुकाबला कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि यह हमेशा बेहतर होता है कि शाकाहारी या मांसाहारी लोग अपने आहार में ताजा फलों एवं सब्जियों को मुख्य रूप से स्थान दें, ताकि संक्रमण से बेहतर तरीके से लड़ने के लिए उनकी प्रतिरोधी क्षमता बढ़ सके.

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