नई दिल्ली: देश की राजधानी इस वक्त कोरोना से बुरी तरह जंग लड़ रही है. इसके साथ ही इस अवधि में लगातार आ रहे भूकंपों से भी लोगों में दहशत है. राजधानी में लगातार छोटे-छोटे तीव्रता के भूकंप आ चुके है. इसे देखते हुए जानकारों ने बड़े भूकंप के आने की आशंका जताई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है और तैयारियों के बारे में पूछा है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया आदेश
देश की राजधानी दिल्ली में भूकंप से निपटने के लिए तैयारियों को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार और दिल्ली नगर निगम से नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार और नगर निगम को फौरन एक्शन प्लान पर काम करने का आदेश दिया है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा, आम आदमी पार्टी और सिविक एजेंसी तुरन्त एक्शन प्लान पर काम करें. अपने-अपने एरिया में भूकंप के मद्देनजर इमारतों पर काम और जरूरी कदम उठाएं.
भूकंप का अनुमान नहीं लगा सकते
कोर्ट ने यह भी कहा कि भूकंप किसी का इंतजार नही करता वो आ जाता है. पिछले दो महीने में कई बार भूकंप आए हैं. इसके मद्देनजर बिना समय खराब किये, राज्य सरकार समेत सभी सिविक एजेंसी अपना अपना काम करें. जानकारों का भी मानना है कि तूफान और मौसम की तरह भूकंप का अनुमान नहीं लगाया ला सकता है.
भूकंप से निपटने की तैयारियों को लेकर अब दिल्ली हाई कोर्ट ने 3 हफ्तों में एक्शन रिपोर्ट मांगी है,. इनमें दिल्ली की किन 25 इमारतों के खिलाफ एक्शन लिया गया है, जो भूकंप रोधी नहीं हैं, सरकार को अदालत को ये भी बताना होगा कि भूकंप से बचाव के लिए क्या उपाय किए गए हैं. अदालत की ओर से सख्त रुख अख्तियार करते हुए कहा गया कि अधिकारी सिर्फ लीपापोती का काम कर रहे हैं, ना तो उनके पास भूकंप से निपटने की कोई तैयारी है और ना ही जमीनी स्तर पर उन्होंने कोई एक्शन लिया है, सब कुछ सिर्फ कागजों में है.
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9 जून को मांगा था प्लान
बीते 2-3 महीनों से दिल्ली और आसपास के हिस्सों में लगातार भूकंप के झटके महसूस किये जा रहे हैं. इस मुद्दे पर दिल्ली हाई कोर्ट ने चिंता जाहिर करते हुए 9 जून को दिल्ली में भूकंप से निपटने की तैयारियों को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार और दिल्ली के तीनों नगर निगमों से प्लान मांगा था. कोर्ट ने पूछा था कि भूकंप से निपटने के लिए क्या तैयारी है?
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