गजब हो गया! गधों के मेले में 'लॉरेंस' ने 'सलमान-शाहरुख' को पछाड़ दिया, सवा लाख में लगी बोली
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गजब हो गया! गधों के मेले में 'लॉरेंस' ने 'सलमान-शाहरुख' को पछाड़ दिया, सवा लाख में लगी बोली

Donkey Fair: यह मजेदार खबर सामने आते ही लोगों में कौतूहल होगा. लेकिन लोग तुरंत भांप गए कि असली माजरा क्या है. यह एक मेले की घटना है. इस मेले में गधों की बिक्री होती है. इस मेले में गधों की कीमतें और नाम हर साल चर्चा का विषय बनते हैं, जिससे मेले का आकर्षण बरकरार है. इस बार भी वही हुआ.

गजब हो गया! गधों के मेले में 'लॉरेंस' ने 'सलमान-शाहरुख' को पछाड़ दिया, सवा लाख में लगी बोली

Re-named Donkeys Auction: दीपावली के बाद उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में हर साल एक मेला लगता है. गधों का मेला, इस बार भी लगा हुआ है. इस मेले की खासियत है कि यहां गधों के मालिक अपने गधों का नाम फेमस लोगों पर रख देते हैं. इस बार का नजारा कुछ गजब रहा. इस बार इस अनोखे मेले में सबसे महंगा गधा 'लॉरेंस' नाम का बिका है. उसकी बिक्री ने बॉलीवुड स्टार सलमान और शाहरुख के नाम पर बिके गधों को भी पीछे छोड़ दिया. अब यह बताने की जरूरत नहीं इन गधों का नाम किनके नाम पर रखा गया होगा.

अपनी तरह का अनोखा आयोजन

असल में यूपी के चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के किनारे लगने वाला यह मेला देश में अपनी तरह का अनोखा आयोजन है, जिसकी शुरुआत मुगल काल के दौरान मानी जाती है. न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक मेले के आयोजक रमेश पांडे के मुताबिक औरंगजेब के समय में इस क्षेत्र में माल ढोने के लिए गधों का इस्तेमाल होता था, और तब से यह परंपरा चली आ रही है. दीपावली के अगले दिन लगने वाला यह मेला आज भी हर साल उत्साहपूर्वक मनाया जाता है.

देशभर से व्यापारी और दर्शक पहुंचे

इस साल मेले में देशभर से व्यापारी और दर्शक पहुंचे, जो इस अनोखे नज़ारे को देखने आए थे. आमतौर पर गधों को बॉलीवुड सितारों के नाम पर बेचा जाता है, लेकिन इस बार गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की चर्चा मेले में छाई रही. उसके नाम पर रखा गया गधा ₹1.25 लाख में बिका, जो मेले के इतिहास का सबसे महंगा गधा साबित हुआ. इसके मुकाबले सलमान और शाहरुख नाम के गधे क्रमशः ₹85,000 और ₹75,000 में बिके.

500 गधों और खच्चरों का प्रदर्शन

तीन दिन तक चलने वाले इस मेले में लगभग 500 गधों और खच्चरों का प्रदर्शन किया जाता है. इस अनोखे आयोजन में लोगों की अच्छी खासी भीड़ लगती है, लेकिन आयोजकों का मानना है कि समय के साथ मेले की रौनक कम होती जा रही है. रमेश ने बताया कि मौजूदा घटनाओं का प्रभाव नामकरण पर भी दिख रहा है, जिससे नीलामी की तस्वीर बदलती दिखती है. (Photo: AI)

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