किसान का टूट गया दिल जब 415KM का सफर करके पहुंचा मंडी, 205 किलो प्याज के मिले सिर्फ 8 रुपये 36 पैसे
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किसान का टूट गया दिल जब 415KM का सफर करके पहुंचा मंडी, 205 किलो प्याज के मिले सिर्फ 8 रुपये 36 पैसे

Onion Price In Mandi: किसान अपने खेत में कई महीने की मेहनत के साथ फसल उगाता है और उम्मीद करता है कि जब वह अपनी फसल को मार्केट में बेचेगा तो उसे अच्छा दाम मिलेगा, लेकिन जब उसे उम्मीद से कम पैसे मिलते हैं तो वह टूट जाता है.

 

किसान का टूट गया दिल जब 415KM का सफर करके पहुंचा मंडी, 205 किलो प्याज के मिले सिर्फ 8 रुपये 36 पैसे

Farmer Travels 415KM To Sell Onions: कभी-कभी कुछ लोगों के साथ ऐसी घटना घटित हो जाती है, जिसके बारे में जब लोग सुनते हैं तो आंखें खुली की खुली रह जाती है. किसान अपने खेत में कई महीने की मेहनत के साथ फसल उगाता है और उम्मीद करता है कि जब वह अपनी फसल को मार्केट में बेचेगा तो उसे अच्छा दाम मिलेगा, लेकिन जब उसे उम्मीद से कम पैसे मिलते हैं तो वह टूट जाता है. किसानी से उसका भरोसा टूटने लगता है. कुछ ऐसा ही एक किसान के साथ हुआ जब वह मंडी में प्याज को बेचने के लिए गया. गडग के एक किसान को बेंगलुरु के यशवंतपुर बाजार में 205 किलो प्याज बेचने के लिए 8.36 रुपये मिले, जिसकी रसीद अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है.

किसान को नहीं मिला प्याज का सही दाम

परेशान किसान ने इस रसीद को सोशल मीडिया पर शेयर किया और लोगों को दिखलाया कि आखिर उसकी मेहनत का उसे क्या नतीजा मिला. उसने अपने साथी किसानों को चेताया कि वह अपना माल बेंगलुरु ट्रांसफर करने से पहले कई बार सोचें. थोक व्यापारी द्वारा दिया गया बिल बताता है कि 22 नवंबर 2022 को कटी पर्ची के मुताबिक मंडी में प्याज के दाम 200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं. हालांकि, उन्होंने कुली शुल्क से 24 रुपये और माल ढुलाई के 377.64 रुपये घटाकर 8.36 रुपये तिम्मापुर गांव में रहने वाले किसान पावाडेप्पा हल्लीकेरी को थमा दिए.

 

 

205 किलो प्याज के मिले सिर्फ 8.36 रुपये

गडग के करीब 50 किसानों ने यशवंतपुर बाजार में अपना प्याज बेचने के लिए 415 किलोमीटर की यात्रा की. वे इस बात से निराश थे कि कुछ दिनों पहले कीमत करीब 500 रुपये प्रति क्विंटल थी जो गिरकर 200 रुपये प्रति क्विंटल हो गई. किसानों की उपज के लिए एक निश्चित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए किसान समूह राज्य सरकार से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पावडेप्पा ने बताया, 'पुणे और तमिलनाडु के किसान को अच्छी कीमत मिल रही है क्योंकि उनकी फसल बेहतर है. लेकिन फिर भी हममें से किसी ने भी कीमत के इतने कम होने की उम्मीद नहीं की थी.'

प्याज को बेचने में लगी इतने हजार की लागत

किसान ने आगे बताया कि मुझे सिर्फ 8 रुपये मिले और मैंने फसल उगाने और मार्केट तक पहुंचाने के लिए 25,000 रुपये से अधिक खर्च किए. मेरे जैसे कई किसान अब निराश हैं. कर्नाटक राज्य रायता संघ गदग जिले के प्रमुख यल्लप्पा बाबरी ने कहा, 'हमने राज्य सरकार से जल्द से जल्द न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने का अनुरोध किया है क्योंकि लगातार बारिश के कारण इस पूरे साल किसानों को नुकसान हुआ है. यदि कोई निर्णय नहीं लिया जाता है, तो हम दिसंबर के पहले सप्ताह में विरोध प्रदर्शन करेंगे.'

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