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Ooty Toy Train/Nilgiri Mountain Railway: तमिलनाडु के हिल स्टेशन ऊटी (Ooty) से चलने वाली टॉय ट्रेन यानी नीलगिरी रेलवे लाइन की यात्रा न सिर्फ सुंदर नजारों के लिए मशहूर है, बल्कि इसकी परिकल्पना लगभग उतनी ही पुरानी है, जितनी पुरानी भारतीय रेलवे है और इसलिए इस रेलवे ट्रैक की अहमियत आज तक जरा भी कम नहीं हुई है. इस ट्रेन यात्रा की शुरुआत 1899 में शुरू हुई थी और तब से यह लगातार सैलानियों की फेवरेट ट्रेन बनी हुई है.
स्लो स्पीड ट्रेन से दिखते हैं अद्भुत नजारे
नीलगिरि माउंटेन रेलवे 5 घंटे में कुल 46 किमी का सफर पूरा कराती है. इसलिए इसे भारत की सबसे धीमी ट्रेन के रूप में जाना जाता है. भाप से चलने वाली इस ट्रेन के सफर में आप कभी भी न भूल सकने वाली खूबसूरत वादियों, ऊंचे पहाड़ों के मनोरम दृश्यों को देख सकते हैं. इस टॉय ट्रेन का सफर ऊटी के उदगमंडल रेलवे स्टेशन से शुरू होता है. ये ट्रेन अंधेरी और घुमावदार सुरंगों, हरे-भरे जंगल और पहाड़ी ढलान से गुजरती है. इसके सफर के दौरान आप केलर, कुन्नूर, और वेलिंगटन जैसी आकर्षक जगहों से गुजरेंगे. जैसे ही आप धीरे-धीरे आगे बढेंगे, धुंध और कोहरे के साथ ट्रेन का सफर रोमांचक होता जाएगा.
सात स्टॉपेज
नीलगिरि माउंटेन रेलवे के सात मेन स्टॉपओवर की बात करें तो ये कल्लार, एडरली, हिलग्रोव, रननीमेड, लवडेल, कटेरी रोड, और कुन्नूर हैं. आपको मेट्टुपालयम से कल्लर तक एक लाइन में सुंदर धान के खेत दिखेंगे. वहीं आगे कल्लार से कुन्नूर तक 21 किमी की दूरी तक फैले ट्रेल में कई मोड़ हैं, जहां कई सुरंगों से होकर गुजरना पड़ता है. आपको बताते चलें कि कुन्नूर नीलगिरि पर्वत का दूसरा सबसे बड़ा हिल स्टेशन है. कुन्नूर से होकर गुजरने वाले नीलगिरि माउंटेन रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ चाय के बागान भी देखने को मिलेंगे.
ट्रेन की खासियत
नीले और क्रीम रंग की इस ट्रेन के डिब्बे लकड़ी के बने हैं, जिनमें बड़ी खिड़कियां हैं. ट्रेन में फर्स्ट क्लास और जनरल कैटेगरी दोनों के डिब्बे हैं. नीलगिरि माउंटेन रेलवे एशिया का सबसे कठिन ट्रैक है. यह समुद्र तल से 1,069 फीट से लेकर 7,228 फीट तक है. इसके सबसे शानदार सुंदर नजारे आपको मेट्टुपालयम से कुन्नूर तक देखने को मिलेंगे. मानसून के दौरान भी यह रूट और खूबसूरत बन जाता है. इसके सफर की पहले से बुकिंग कराना ज्यादा बेहतर रहता है.
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