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Wedding News: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में चौंकाने वाला मामला सामने आया है. चार लुटेरी दुल्हनों ने दलालों के साथ मिलकर युवकों और उनके परिवार को निशाना बना है. चारों ने शादी के लिए पहले तो डेढ़-डेढ़ लाख रुपये लिये. शादी के बाद बारात निकाली जा रही थी, जिसमें दूल्हे आगे थे और दुल्हनें पीछे. मुकाम तक पहुंचने से पहले तीन दुल्हनें रास्ते में ही गायब हो गईं. चौथी पेट दर्द का बहाना कर अस्पताल पहुंची और वहां से फरार हो गई. मामला सांवेर थाना क्षेत्र का है. पुलिस के अनुसार, जगदीश पिता कुंवरजी सुनेर निवासी ग्राम पंचोला ने गांव में ही रहने वाले गणेश, पिता सत्यनारायण, उसकी मां सुन्दरबाई, रिश्तेदार महेश निवासी ग्राम सिहासा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
शादी कराने को लेकर कुछ यूं चली चाल
फरियादी ने पुलिस को बताया कि उसके दो बेटे है, जिनकी शादी नहीं हुई है. वे दिव्यांग हैं. उन्होंने दिन-रात मेहनत करके करीब सात लाख रुपये जमा किए थे. जब इसकी जानकारी गणेश और सुन्दरबाई को लगी तो दोनों ने इसकी जानकारी अपने रिश्तेदार महेश को दी. इसके बाद गणेश अपनी मां सुन्दरबाई को लेकर जगदीश के पास पहुंचा और कहा, 'दोनों बेटों की शादी नहीं हो रही है, उम्र हो गई है. जल्द शादी करो. यदि लड़कियां नहीं मिल रही तो हमें बताओ, हम दुल्हनें ढूंढ़ देंगे.'
दोनों की बातों में आकर जगदीश ने भी उन्हें लड़कियां ढूंढने के लिए कह दिया. इस पर दोनों ने कहा कि डेढ़ लाख रुपये लगेंगे. करीब आठ दिन तक रोज फरियादी से बात कर उन्हें झांसे में लिया और सिर्फ दोनों बेटों ही नहीं, उनके साले के बेटे सहित गांव के अन्य युवक को भी शादी करने के नाम पर फंसाया. इन सभी से आरोपियों ने आठ लाख रुपये ले लिये. इसके बाद मंदिर में फरियादी के बेटे लखन, प्रहलाद, साले के बेटे जितेंद्र के साथ एक अन्य युवक की शादी भी कराई.
बारात से गायब हुईं दुल्हनें
शादी के बाद तीन दिसंबर को चारों की बारात निकाली गई. इस दौरान दूल्हे और मेहमान आगे नाच-गाना कर रहे थे. वहीं, दुल्हनें पीछे चल रही थीं. मुकान पर पहुंचने से पहले से ही देखते ही देखते तीन दुल्हनें एक गाड़ी में बैठकर फरार हो गई. जबकि चौथी ने पेट दर्द का बहाना किया. उसे अस्पताल लेकर गए तो वह वहां से फरार हो गई. जब दुल्हनें नहीं लौटीं तो ठगी का अहसास हुआ.
दलालों ने फरियादी को बेवकूफ बनाया, अब दर्ज हुआ केस
घटनाक्रम के बाद जब फरियादी दलालों के पास पहुंचे तो वो उन्हें आश्वासन देने लगे. उनका कहना था कि बच्चियां हैं, आ जाएंगी. ऐसे करते हुए कई दिन गुजार दिये. बाद में मामला थाने पर पहुंचा. यहां भी पुलिस ने पहले तो सुनवाई नहीं की. फरियादी को थाने के कई चक्कर खाने पड़े. अब जाकर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है.
रिपोर्ट: शताब्दी शर्मा
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