Festive Travel: गणेश उत्सव पर बनाएं मुंबई घूमने का प्लान, बप्पा के ये पंडाल हैं देशभर में मशहूर
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Festive Travel: गणेश उत्सव पर बनाएं मुंबई घूमने का प्लान, बप्पा के ये पंडाल हैं देशभर में मशहूर

मुंबई में गणेश चतुर्थी के मौके पर बप्पा को बड़े-बड़े पंडालों में विराजमान किया जाता है. इन पंडालों में गणेश चतुर्थी के 10 दिनों तक खूब रौनक रहती है.

गणेश चतुर्थी 2019 (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: सावन के त्योहार जैसे ही अलविदा कहते हैं भादो में सालभर का सबसे बड़ा पर्व गणेश चतुर्थी आता है. बप्पा का आगमन मानो सबमें में एक नया जोश और ऊर्जा भर देता है. गणेश चतुर्थी का त्योहार आज से शुरू हो गया है. महाराष्ट्र के मुंबई शहर में गणेश चतुर्थी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. वैसे तो चतुर्थी का ये महापर्व पूरे देश में मनाया जाता है लेकिन जो रौनक और उत्साह मुंबईवालों में दिखता है, ऐसा नजारा और कहीं देखने को नहीं मिलता. इस मौसम अगर कहीं जाने का प्लान कर रहे हैं तो गणेश चतुर्थी पर मुंबई जाना आपके जीवन की सबसे यादगार यात्रा बन सकता है. 

मुंबई में गणेश चतुर्थी के मौके पर बप्पा को बड़े-बड़े पंडालों में विराजमान किया जाता है. इन पंडालों में गणेश चतुर्थी के 10 दिनों तक खूब रौनक रहती है. बॉलीवुड के बड़े-बड़े सेलिब्रेटी भी यहां लाइन में लगकर बप्पा के दर्शन करते हैं. मुंबई के लालबाग राजा पूरे देश में प्रसिद्ध हैं. लालबाग के राजा को नवसाचा गणेश के नाम से भी जाता है जिसका मतलब होता है हर इच्छा पूरी करने वाला. 

लालबाग के राजा से लेकर जीएसबी मंडल तक 
लालबाग के राजा से कुछ ही दूरी पर लगता है गणेश गली मुंबई के राजा का दरबार. हर साल यहां पर भी बप्पा के दर्शन करने वालों का तांता लगता है. साउथ मुंबई के गिरगांव में विराजने वाले गणपति सबसे सभी पंडालों में सबसे ऊंचे बप्पा हैं. 40 फीट के गणेश को असली सोने से सजाया जाता है. जीएसबी सेवा मंडल दुनिया का सबसे अमीर मंडल ग्रुप है. यहां पर असली सोने की गणपति मूर्ति को स्थापित किया जाता है. 60 किलो सोने के गणपति को 175 किलो चांदी से सजाया जाता है. 

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कुछ ऐसा होता अंधेरी के राजा और कमाटीपुरा का पंडाल 
अंधेरी के राजा का दरबार मुंबई के आजाद नगर में लगता है. इस पंडाल की खास बात है यहां के सेट्स जहां गणपति को स्थापित किया जाता है. इस पंडाल में गणेश को उनके स्थान तक पहुंचाने में पूरे 20 घंटे का समय लगता है. मुंबई के चिंचपोकली रेलवे स्टेशन के पास सबसे पुराना गणपति पंडाल है. इस पंडाल को साल 1920 में शुरू किया गया था. ये पंडाल कमाटीपुरा में मौजूद है. यहां पर गणेश जी घोड़ों के ऊपर बैठे हैं और उन्हें एकटक देखना सबसे खूबसूरत पल होता है. 

तुलसीवाड़ा का महाराज पंडाल है सबसे छोटा 
साउथ मुंबई के तारदो रोड पर लगने वाले तुलसीवाड़ा का महाराज गणेश पंडाल इस महोत्सव की सबसे सुंदर जगह है. ये मुंबई के सबसे छोटे पंडाल में से एक है लेकिन यहां गणपति बहुत ही यूनिक होते हैं. मुंबई के गणेश चौक पर मौजूद इस पंडाल में आकर लोगों को दिली सुकून मिलता है. चीरा बाजार में लगने वाले इस पंडाल की गणपति प्रतिमा को 2012 में बेस्ट मूर्ति का अवॉर्ड दिया गया था. 

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