बुजुर्ग के प्राइवेट पार्ट में हुआ चौंकाने वाला बदलाव, X-Ray में डॉक्टर ने देखा तो उड़ गए होश
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बुजुर्ग के प्राइवेट पार्ट में हुआ चौंकाने वाला बदलाव, X-Ray में डॉक्टर ने देखा तो उड़ गए होश

Shocking X Ray Report: एक 63 वर्षीय व्यक्ति अपने घुटने के दर्द के इलाज की तलाश में था लेकिन उसके साथ एक चौंकाने वाला हादसा हुआ. दरअसल, जब वह डॉक्टर के पास गया और फिर उसने जांच करवाया तो पता चला कि उसे...

 

बुजुर्ग के प्राइवेट पार्ट में हुआ चौंकाने वाला बदलाव, X-Ray में डॉक्टर ने देखा तो उड़ गए होश

Shocking Disease: एक 63 वर्षीय व्यक्ति अपने घुटने के दर्द के इलाज की तलाश में था लेकिन उसके साथ एक चौंकाने वाला हादसा हुआ. दरअसल, जब वह डॉक्टर के पास गया और फिर उसने जांच करवाया तो पता चला कि उसे एक्स्ट्रास्केलेटल बोन नाम की बीमारी है. यह असामान्य स्थिति है, जहां प्राइवेट पार्ट हड्डी में बदलना शुरू हो जाता है. यह उसे तब पता चला जब जांच में डॉक्टरों ने उसके कूल्हे का एक्स-रे किया. रोगी ने शुरू में 2019 में सड़क पर गिरने से घुटने में परेशानी का सामना किया था. बाद में वह न्यूयॉर्क सिटी के एक अस्पताल में डॉक्टर को दिखाया. उसे सिर में भी चोट लगी थी. डॉक्टरों ने कई टेस्ट करवाएं, जिसमें इस दुर्लभ स्थिति का पता चला.

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डॉक्टर भी देखकर रह गए हैरान

लैडबाइबल के अनुसार, सबसे पहले डॉक्टरों ने फ्रैक्चर या किसी अन्य संबंधित समस्या को जानने के लिए कूल्हे का एक्स-रे करवाया जो घुटने के दर्द का कारण हो सकता है. इसके बजाय उन्हें एक्स-रे स्कैन पता चला कि प्राइवेट पार्ट में गंभीर कैल्सीफिकेशन दिखाया, जो चिकित्सकों के अनुसार एक्स्ट्रास्केलेटल बोन कहलाता है. इस जांच ने डॉक्टरों को हैरानी में डाल दिया. इस बीमारी में प्राइवेट पार्ट के शाफ्ट के साथ कैल्शियम सॉल्ट जमा हो रहे थे. ऐसे उदाहरण बहुत दुर्लभ हैं. यूरोलॉजी केस रिपोर्ट के अनुसार, अब तक के इतिहास में ऐसी घटनाएं 40 से कम मामले दर्ज किए गए हैं.

किन रोगों से होती है परेशानी?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पीनस ऑसिफिकेशन एक बीमारी है जो प्राइवेट पार्ट के पैथोफिजियोलॉजी के कारण होती है जिसमें इसमें हड्डी जैसा ऊतक बनता है. साइंस अलर्ट के अनुसार, यह अक्सर कई अन्य बीमारियों से जुड़ा होता है. जैसे कि पेरोनी की बीमारी, आघात और मधुमेह और अंत-स्तर वृक्क रोग जैसे चयापचय विकार.

लैडबाइबल की रिपोर्ट के अनुसार, स्थिति के स्पर्शोन्मुख रूप वाले रोगियों को केवल अवलोकन की आवश्यकता हो सकती है, जबकि दर्द या इरेक्शन डिसफंक्शन वाले रोगियों को मौखिक दर्द की दवाओं, सामयिक क्रीम, इंजेक्शन या यहां तक ​​कि सर्जरी से लाभ हो सकता है. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि खबर में दी की गई जानकारी कई रिपोर्ट्स से संकलित है, और जी न्यूज इसकी सटीकता की गारंटी नहीं देता है.

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