एक ऐसा भी मामला सामने आया है, जिसमें एक युवा शख्स ने इंडियन आर्मी ज्वाइन करने के लिए अपने माता-पिता से झूठ बोला. हालांकि, जुझारू युवा ने एनडीए में टॉप रैंक हासिल किया और अपने पैरेंट्स का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया.
गौरव यादव ने अपने आईआईटी प्रवेश परिणाम अपने माता-पिता से छिपाया, जिसकी वजह से वह आज एनडीए में एक अच्छे रैंक पर कार्यरत हैं. गौरव राजस्थान के अलवर के एक किसान के बेटे हैं. उसने अपने माता-पिता से अपने आईआईटी प्रवेश परीक्षा के परिणाम छिपाने की पूरी कोशिश की थी क्योंकि वह भारतीय सेना में शामिल होने के अपने जुनून को आगे बढ़ाना चाहता था.
पिछले हफ्ते एनडीए के 143वें कोर्स में गौरव यादव को राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक प्रदान किया गया. वह हमेशा एक मेधावी छात्र रहे हैं. शिक्षा में अच्छे ग्रेड प्राप्त करने के साथ-साथ अपने स्कूल के वर्षों के दौरान खेलों में बेहतरीन रहे हैं. एनडीए के स्वर्ण पदक विजेता गौरव यादव ने अपनी स्कूली शिक्षा हरियाणा के रेवाड़ी में केरल पब्लिक स्कूल में की. उन्होंने न केवल अपनी 10वीं कक्षा की परीक्षा में टॉप किया, बल्कि उन्होंने अपनी 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में 96 प्रतिशत अंक प्राप्त किए.
अपने माता-पिता को यह बताए बिना कि उसने IIT प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है, गौरव ने NDA में प्रवेश पाने के लिए दिल्ली के एक कॉलेज में प्रवेश लिया. मीडिया में आई खबर के मुताबिक, गौरव के भाई विनीत ने कहा, 'मुझे उनकी बात पर विश्वास था. एनडीए के लिए चुने जाने के बाद उसने हमें बताया कि उन्होंने आईआईटी एंट्रेंस एग्जाम भी पास किया है.'
जबकि गौरव ने दो बार एनडीए प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की, वह केवल अपने तीसरे प्रयास में सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) में सफल हो सके. गौरव ने खुलासा किया, 'मैं अपने कमरे में दीवार के सामने खड़ा हो जाता था और कल्पना करता था कि एसएसबी पैनल द्वारा मेरा इंटरव्यू लिया जाएगा और उनके सवालों का जवाब दिया जाएगा.' गौरव के माता-पिता ने अपने दिल की बात बताई और कहा 'उसे इन सभी लोगों के सामने परेड का नेतृत्व करते देख हमारे रोंगटे खड़े हो गए.'
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