काट लूंगा 7 दिन की सैलरी- रक्षाबंधन की मांगी छुट्टी तो बॉस ने कही ऐसी बात, कंपनी की हो रही थू-थू
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काट लूंगा 7 दिन की सैलरी- रक्षाबंधन की मांगी छुट्टी तो बॉस ने कही ऐसी बात, कंपनी की हो रही थू-थू

Rakshabandhan Holiday: अपने पोस्ट में एक महिला ने कहा कि कंपनी रक्षाबंधन 19 अगस्त को छुट्टी लेने वालों का सात दिनों का वेतन काटना चाहती थी. कंपनी ने अब महिला के दावे को खारिज कर दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि...

 

काट लूंगा 7 दिन की सैलरी- रक्षाबंधन की मांगी छुट्टी तो बॉस ने कही ऐसी बात, कंपनी की हो रही थू-थू

Rakshabandhan Leave: पंजाब की एक महिला ने लिंक्डइन पर तब हलचल मचा दी जब उसने एक पोस्ट साझा करते हुए दावा किया कि कंपनी ने उन्हें एक HR के रूप में कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए खड़े होने की वजह से निकाल दिया. अपने पोस्ट में उन्होंने कहा कि कंपनी रक्षाबंधन 19 अगस्त को छुट्टी लेने वालों का सात दिनों का वेतन काटना चाहती थी. कंपनी ने अब महिला के दावे को खारिज कर दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि महिला को एक HR के रूप में उनकी अयोग्यता के कारण नौकरी से निकाला गया था. 

महिला ने क्या दावा किया?

उन्होंने लिंक्डइन पर लिखा, "मैंने कानून के अनुसार गलत चीज के खिलाफ खड़े होने की कोशिश की. लेकिन इसके बदले मुझे नौकरी से निकालने का लेटर मिल गया. उन्होंने ईमेल में कहा कि मुझे दो हफ्ते का समय दिया जाएगा लेकिन उन्होंने मेरी सभी एक्सेस रद्द कर दी ताकि मैं तुरंत छोड़ सकूं. यह मेरे बॉस के साथ मेरी चैट है और उन्होंने मुझे इसलिए निकाल दिया क्योंकि मैंने एक स्टैंड लिया और उन्हें सुझाव दिया कि हम एक दिन की गैर-हाजिरी के लिए 7 दिन का वेतन नहीं काट सकते."  उन्होंने अपने बॉस के साथ हुई व्हाट्सएप चैट की कुछ स्क्रीनशॉट्स भी शेयर किए.

कंपनी ने क्या जवाब दिया?

कंपनी ने कमेंट सेक्शन में लिखा, "पीड़ित बनकर सहानुभूति पाना आसान है." अपने जवाब में कंपनी ने आरोप लगाया कि महिला काम में लापरवाह थी, काम के घंटों में अपनी बेटी का होमवर्क करती थी, कंपनी के सोशल मीडिया पेज को मैनेज नहीं कर पाई, और भी कई आरोप लगाए. 

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लिंक्डइन यूज़र्स ने क्या कहा?

ज़्यादातर लोगों ने महिला का सपोर्ट किया. एक व्यक्ति ने लिखा, "लगता है बॉस अभी भी औपनिवेशिक शासन और गुलामी को बढ़ावा दे रहा है. ऐसे ही मजबूत रहें." दूसरे ने कहा, "लगता है आपने उन्हें गलत जगह चोट पहुंचाई है. आपकी नैतिक दिशा-निर्देश वाली शिक्षा को पचा नहीं पाए. 1. कृपया श्रम न्यायालय में एक मामला दर्ज करें क्योंकि इसमें शायद 100 रुपये से कम लगते हैं, जिसमें कुप्रबंधन, आधुनिक गुलामी और धोखेबाज कॉर्पोरेट रणनीति का हवाला दिया गया है. 2. कृपया इस महान व्यक्ति को गलत तरीके से बर्खास्त करने, कार्यस्थल पर उत्पीड़न और धमकाने के लिए एक कानूनी नोटिस भेजें और इसका विरोध करें. यह देखना बहुत ही दिल को छू लेने वाला है कि अभी भी आपके जैसे HR हैं और आप वास्तव में खड़े हुए. इस व्यक्ति को मत छोड़ो. क्योंकि आज यह आप हैं और कल कोई और होगा."

जब महिला के आरोपों को नकारने वाली एक अलग पोस्ट लिंक्डइन पर शेयर की गई तो कई कंपनी के कर्मचारियों ने उनका समर्थन किया.

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