छींक रोकने की कोशिश की तो शख्स के गले में हो गया छेद! X-RAY देख हैरान रह गए डॉक्टर
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छींक रोकने की कोशिश की तो शख्स के गले में हो गया छेद! X-RAY देख हैरान रह गए डॉक्टर

Shocking News: एक ब्रिटिश व्यक्ति ने अपनी छींक को अंदर ही दबाकर रखने की कोशिश की तो उसके साथ बहुत ही बुरा अनुभव हुआ. दावा किया जा रहा है कि छींक रोकने के चक्कर में उस व्यक्ति के गले में सचमुच छेद हो गया.

 

छींक रोकने की कोशिश की तो शख्स के गले में हो गया छेद! X-RAY देख हैरान रह गए डॉक्टर

Trending News: यदि आपको छींक आती है तो उसे रोकने की बिल्कुल कोशिश नहीं करते होंगे. या फिर अगर छींक को कंट्रोल करना चाहते हैं तो भी छींक आ ही जाती है. हालांकि, छींक रोकना कभी-कभी बहुत नुकसानदायक हो सकती है. भले ही आप किसी शांत जगह पर हों, लेकिन छींक रोकने की गलती बिल्कुल भी न करें वरना कुछ ऐसी घटना हो सकती है, जैसा कि एक शख्स के साथ हुआ. एक ब्रिटिश व्यक्ति ने अपनी छींक को अंदर ही दबाकर रखने की कोशिश की तो उसके साथ बहुत ही बुरा अनुभव हुआ. दावा किया जा रहा है कि छींक रोकने के चक्कर में उस व्यक्ति के गले में सचमुच छेद हो गया.

छींक को रोकने की कोशिश पड़ी भारी

बीएमजे केस रिपोर्ट्स द्वारा 2018 में प्रकाशित की गई उस वक्त 34 वर्षीय अनजान व्यक्ति के बारे में यह दुर्लभ घटना थी. एक अखबार में दावा किया गया कि जब पुरुष अस्पताल के आपातकालीन विभाग में गया तो वह फिट था. उसके जोरदार छींक के बाद कुछ भी निगलने में दर्द और आवाज में बदलाव का अनुभव किया. डॉक्टर ने जब इस बारे में पूछताछ की तो ब्रिटिश व्यक्ति ने बताया कि उसने छींक को रोकने के लिए अपनी नाक दबाने और मुंह बंद रखने की बात स्वीकार की. इसके बाद उसने अपनी गर्दन में अजीब सा महसूस किया और सूजन भी हो गई.

गले और गर्दन में आ गई सूजन

डॉक्टरों के अनुसार, 34 वर्षीय मरीज का कोई भी मेडिकल हिस्ट्री नहीं थी. उसने किसी भी औजार और किसी भी चीज को निगलने से भी इनकार कर दिया. प्रकाशित पेपर में बताया गया है कि उस व्यक्ति की को बुखार या सांस संबंधी कोई परेशानी नहीं थी, लेकिन शारीरिक जांच करने पर पता चला कि उसके गले और गर्दन में सूजन बढ़ गई. मरीज की एक्स-रे की गई, जिसमें उसकी श्वास नली से हवा निकलती हुई दिखाई दी. संभवतः यही कारण था कि उसकी गर्दन पर सूजन थी. गर्दन में किसी भी संक्रमण के जोखिम से बचने के लिए उस व्यक्ति को तुरंत चिकित्सा निगरानी में ले लिया गया. जब तक उनकी हालत धीरे-धीरे बेहतर नहीं हो गई तब तक उन्हें नासोगैस्ट्रिक ट्यूब से दूध पिलाया गया.

डॉक्टरों ने बताई यह बात

घटना का हवाला देते हुए डॉक्टरों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि छींक को रोकने के लिए नाक को बंद करना संभावित रूप से जीवन के लिए खतरा हो सकता है. मेडिकल रिपोर्ट में डॉक्टर ने कहा, "नाक और मुंह को बंद करके छींक को रोकना एक खतरनाक है और इससे बचना चाहिए, क्योंकि इससे न्यूमोमीडियास्टिनम, टाइम्पेनिक झिल्ली का छिद्र और यहां तक कि सेरेब्रल एन्यूरिज्म का टूटना जैसी कई जटिलताएं हो सकती हैं."

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