हनुमान मंदिर में कुर्ता-पायजामा में आते हैं बच्चे, मोबाइल से दूर रखकर कुछ यूं सिखाए जा रहे वैदिक मंत्र
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हनुमान मंदिर में कुर्ता-पायजामा में आते हैं बच्चे, मोबाइल से दूर रखकर कुछ यूं सिखाए जा रहे वैदिक मंत्र

Hanuman Mandir: राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर से करीब 11 किमी दूर एक हनुमान मंदिर में कुछ अलग ही देखने को मिला. खोले के हनुमानजी मंदिर में एक वेद विद्यालय संचालित किया जा रहा है. इस विद्यालय में 29 छात्र नामांकित हैं जो वैदिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं.

हनुमान मंदिर में कुर्ता-पायजामा में आते हैं बच्चे, मोबाइल से दूर रखकर कुछ यूं सिखाए जा रहे वैदिक मंत्र

Hanuman Mandir: राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर से करीब 11 किमी दूर एक हनुमान मंदिर में कुछ अलग ही देखने को मिला. खोले के हनुमानजी मंदिर में एक वेद विद्यालय संचालित किया जा रहा है. इस विद्यालय में 29 छात्र नामांकित हैं जो वैदिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. विद्यालय का संचालन नरवर आश्रम सेवा समिति द्वारा किया जाता है. विद्यालय में छात्रों को संस्कृत, वेद, दर्शन और अन्य वैदिक विषयों की शिक्षा दी जाती है. छात्रों को मंत्रोच्चार, यज्ञ और अन्य वैदिक अनुष्ठानों का भी प्रशिक्षण दिया जाता है. विद्यालय के छात्र सुबह 5 बजे उठते हैं और दिन भर अध्ययन और अभ्यास करते हैं। वे शाम को मंदिर में वैदिक मंत्रों का जाप करते हैं.

हनुमान मंदिर में बच्चे सीखते हैं वैदिक मंत्र

विद्यालय के छात्रों का कहना है कि उन्हें वैदिक शिक्षा प्राप्त करने में बहुत खुशी हो रही है. वे कहते हैं कि यह शिक्षा उन्हें अपने भारतीय संस्कृति और विरासत के बारे में जानने में मदद कर रही है. मंदिर हॉल में बच्चे वैदिक मंत्रों का जाप करते हैं, जिनकी आवाजें आस-पास गूंजती हैं. सभी सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर मंत्रोच्चार करते हैं और हाथ की थाप पर धुन मिलाते हैं.पांच सालों में छात्र यजुर्वेद से 2,000 से अधिक मंत्र, यज्ञ और ज्योतिष ज्ञान की जटिलताएं सीखते हैं. स्कूल 2017 में शुरू किया गया था और यह राजस्थान में चल रहे 26 वेद विद्यालयों में से एक है.

13 नए वेद विद्यालयों की घोषणा

इस साल जनवरी में राज्य के बजट में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने उन जिलों में 13 नए वेद विद्यालयों की घोषणा की, जहां एक भी नहीं है. गहलोत सरकार ने 16 जिलों में संस्कृत महाविद्यालयों की भी घोषणा की है. इन महाविद्यालयों में छात्रों को संस्कृत साहित्य, भाषा और संस्कृति की शिक्षा दी जाएगी. सरकार ने संस्कृत महाविद्यालयों और विद्यालयों के नवीनीकरण के लिए 20 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. सरकार ने मंदिरों के जीर्णोद्धार और नवीनीकरण के लिए भी 140 करोड़ रुपये रखे हैं. गहलोत सरकार के इन प्रयासों को कुछ लोगों द्वारा हिंदू वोट बैंक को साधने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.

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