मास्साब दो दिना से चढ़ रओ है जो बुखार: स्टूडेंट ने बुंदेलखंडी में लिखा मजेदार एप्लिकेशन, पढ़कर लोटपोट हुए लोग
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मास्साब दो दिना से चढ़ रओ है जो बुखार: स्टूडेंट ने बुंदेलखंडी में लिखा मजेदार एप्लिकेशन, पढ़कर लोटपोट हुए लोग

Leave Application In Bundelkhandi: स्कूली छात्र के अनोखे एप्लिकेशन ने नेटिजन्स को हंसने पर मजबूर कर दिया है. आईएएस अधिकारी अर्पित वर्मा द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए पोस्ट में उल्लेख किया गया है कि छात्र बुंदेलखंड का है और उसके देसी भाषा ने लोगों का दिल जीत लिया.

 

मास्साब दो दिना से चढ़ रओ है जो बुखार: स्टूडेंट ने बुंदेलखंडी में लिखा मजेदार एप्लिकेशन, पढ़कर लोटपोट हुए लोग

Leave Application: हम सभी ने स्कूल में छुट्टी के लिए जरूर एप्लिकेशन लिखा है. हमें यह भी सिखाया जाता है कि लेटर लिखते वक्त किन बातों का ध्यान देना चाहिए. हालांकि, कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपनी ही भाषा में एप्लिकेशन लिखना पसंद करते हैं. हालांकि, एक एप्लिकेशन वायरल हो रहा है जिसे पढ़कर आप लोटपोट हो जाएंगे. स्कूली छात्र के अनोखे एप्लिकेशन ने नेटिजन्स को हंसने पर मजबूर कर दिया है. आईएएस अधिकारी अर्पित वर्मा द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए पोस्ट में उल्लेख किया गया है कि छात्र बुंदेलखंड का है और उसके देसी भाषा ने लोगों का दिल जीत लिया.

देसी अंदाज में छात्र ने मांगी छुट्टी

IAS अधिकारी अर्पित वर्मा द्वारा साझा किए गए ट्वीट में कलुआ नाम के छात्र द्वारा लिखित छुट्टी का आवेदन दिखाया गया है. बुंदेलखंडी तरीके से छात्र अपनी स्थिति का वर्णन करता है और स्कूल से छुट्टी मांगता है. एप्लिकेशन की शुरुआत में कलुआ ने लिखा, 'तो मास्साब ऐसो है कि दो दिना से चड़ रओ है जो बुखार उपर से जा नाक बह रई सो अलग. जई के मारे हम सकूल नई आ पाहे सो तमाए पाऊ पर के निवेदन आए कि दो-चार दिना कि छुट्टी दे देते तो बड़ो अच्छो रहतो.' लेटर का अंत मजेदार तरीके से होता है जब छात्र लिखता है, 'भले ही मैं स्कूल आऊं या न आऊं, कौन सा स्कूल बंद हो जाएगा. आपका कलुआ.'

 

 

पोस्ट देखने के बाद लोगों ने दिए ऐसे रिएक्शन

पोस्ट को करीब 10k लाइक्स और कई सारी प्रतिक्रियाएं मिलीं. मजेदार लेटर पर लोग हंसी नहीं रोक सके. कई लोगों ने कमेंट किया कि भविष्य में छुट्टियों के लिए आवेदन करते समय वे उसी टेम्पलेट का उपयोग कैसे करेंगे. एक यूजर ने लिखा, 'वाह जी वाह क्या गजब पंच मारा है.' एक दूसरे यूजर ने लिखा, 'कलुआ सही कह रओ है, ऊके ना आये से कौन स्कूल बंद हो जे है.' एक अन्य यूजर ने लिखा, 'इत्तो मजाक न उड़ाओ सर जी हमाये बुंदेलखंड को.' ऐसे ही कई अन्य यूजर्स ने भी अपनी राय रखी. हालांकि, कुछ ऐसे भी थे, जिन्होंने बुंदेलखंडी भाषा को पढ़कर बेहद ही खुश हुए और 'जय बुंदेलखंडी' के नारे लिखे.

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