How Glue Works: ग्लू दरअसल कई तरह के केमिकल्स से बनाए जाते हैं जिन्हें पॉलीमर्स कहते हैं. पॉलिमर्स लंबे स्ट्रैंड होते हैं जो या तो चिपचिपे होते हैं या खिंचने वाले होते हैं. ग्लू बनाने वाले ऐसा पॉलीमर खोजते हैं जो खिंचने में भी सही हो और चिपचिपा भी हो.
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किसी भी चीज को चिपकाने में ग्लू काफी काम आता है. यही वजह है कि घर की जरूरी चीजों में ग्लू भी आता है. ग्लू का इस्तेमाल आपने भी कभी न कभी किया ही होगा. लेकिन इसे प्रयोग करते वक्त क्या आपने यह सोचा है कि जो ग्लू हर जगह आसानी से चिपक जाता है वह बोतल के अंदर क्यों नहीं चिपका जाता है.
इस सवाल का जवाब जानने से पहले यह समझना चाहिए कि ग्लू आखिर होता क्या है. ग्लू दरअसल कई तरह के केमिकल्स से बनाए जाते हैं जिन्हें पॉलीमर्स कहते हैं.
पॉलिमर्स क्या होते हैं?
पॉलिमर्स लंबे स्ट्रैंड होते हैं जो या तो चिपचिपे होते हैं या खिंचने वाले होते हैं. ग्लू बनाने वाले ऐसा पॉलीमर खोजते हैं जो खिंचने में भी सही हो और चिपचिपा भी हो.
पॉलिमर्स में पानी मिलाने पर क्या होता है?
जब ऐसा पॉलिमर्स खोज लिया जाता है तो इसमें पानी मिलाया जाता है. पानी की वजह से ग्लू लिक्विड स्टेट में आ जाता है. दरअसल पानी ग्लू में सॉल्वेंट की तरह काम करता है, जो ग्लू को सूखने नहीं देता है. इस वजह से ही ग्लू लिक्विड स्टेट में होता है.
बोतल से बाहर निकले पर ग्लू इस वजह से चिपकता है
ग्लू को जैसे ही बोतल से बाहर निकाला जाता है तो वह हवा कें संपर्क में आता है. इसकी वजह से ग्लू का पानी भाप बनकर उड़ जाता है और केवल पॉलिमर्स बचता है. बिना पानी का यह पॉलिमर फिर से चिपचिपा और खिंचने वाला हो जाता है.
ग्लू की बोतल खुली रह जाए तो...
ग्लू की बोतल में हवा प्रवेश नहीं कर पाती इसलिए पानी पॉलिमर्स से सूखता नहीं है और ग्लू बोतल के अंदर चिपकती नहीं हैं. अगर आप ग्लू का इस्तेाल करते हैं तो आपने यह जरूरी नोटिस किया होगा कि जब कभी ग्लू की बोतल खुली रह जाती है तो इसके अंदर का ग्लू भी सूख जाता है. इसका कारण यह है कि ढक्कन खुले रहने से ग्लू हवा के संपर्क में आ जाता है.
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