भारत के इस गांव में दो पत्नियों को रखने का रिवाज, न झगड़ा, न बैर; क्यों होता है ऐसा?
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भारत के इस गांव में दो पत्नियों को रखने का रिवाज, न झगड़ा, न बैर; क्यों होता है ऐसा?

Indian Village Of Two Wives: सुनहरी रेत के बीच एक गांव बसा हुआ है जहां दुर्लभ परंपरा देखने को मिलती है. यह लगभग पौराणिक मालूम पड़ता है. यह गांव अपने अजीब रीति-रिवाजों के लिए जाना जाता है.

 

भारत के इस गांव में दो पत्नियों को रखने का रिवाज, न झगड़ा, न बैर; क्यों होता है ऐसा?

Weird Indian Village: राजस्थान के एक सुदूर कोने में जैसलमेर की सुनहरी रेत के बीच एक गांव बसा हुआ है जहां दुर्लभ परंपरा देखने को मिलती है. यह लगभग पौराणिक मालूम पड़ता है. रामदेयो की बस्ती नाम का यह गांव अपने अजीब रीति-रिवाजों के लिए जाना जाता है. यहां की छोटी सी बस्ती में हर एक घर में अनोखी प्रथा है. गांव के हर आदमी की दो शादियां करनी हैं.

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दो शादी आखिर क्यों?

पहली नजर में, यह एक ऐसे देश में विसंगति की तरह लग सकता है जहां एकविवाह हिंदू परंपरा में गहराई से समाहित है. लेकिन रामदेयो की बस्ती में विवाह की अवधारणा एक पूरी तरह से नया आयाम ले लेती है. यहां, बहुविवाह को न केवल स्वीकार किया जाता है बल्कि यह उनकी संस्कृति के ताने-बाने में बुना हुआ है. जब आप जानते हैं कि ये पत्नियां एक साथ कैसे रहती हैं तो आप सोच में पड़ जाएंगे.

अगर किसी घर में दो पत्नियां हो गईं तो अक्सर ईर्ष्या और कलह ही होती है. हालांकि, रामदेयो की बस्ती में ऐसा आश्चर्यजनक वाली बात नहीं है. यहां दोनों पत्नियां सौहार्दपूर्वक रहती हैं, एक छत के नीचे अपने पति को साझा करती हैं, लगभग असल बहनों की तरह. उनका रिश्ता पारंपरिक अपेक्षाओं को तोड़ता है, क्योंकि वे एक सौहार्दपूर्ण और सहायक बंधन बनाए रखते हैं.

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कब से शुरू हुई ये परंपरा?

इस परंपरा की शुरुआत उतनी ही आकर्षक है जितनी कि स्वयं प्रथा है. ग्रामीणों का मानना ​​है कि इस रीति-रिवाज के पीछे मुख्य कारण प्राचीन अंधविश्वासों से जुड़ा है. स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति केवल एक बार विवाह करता है, तो उसके पास या तो कोई बच्चा नहीं होगा या एक बेटी होगी. पुरुष वारिस सुरक्षित करने के लिए दूसरी शादी आवश्यक मानी जाती है. इस विश्वास के अनुसार, दूसरी पत्नी एक पुत्र के जन्म की गारंटी देती है, जिससे प्रथा का निरंतरता बनी रहती है.

अपनी गहरी जड़ों के बावजूद परंपरा धीरे-धीरे कम होती जा रही है।. रामदेयो की बस्ती की युवा पीढ़ी इस रीति-रिवाज से दूर जा रही है, इसे आधुनिक विचारों के साथ असंगत पा रही है. जबकि पुरानी पीढ़ी इस परंपरा से चिपकी हुई है, परिवर्तन की हवाएं धीरे-धीरे गांव की सदियों पुरानी प्रथाओं को बदल रही हैं. 

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