सेना के खिलाफ बोला तो खैर नहीं, पाकिस्तान के बाद China ने भी बनाया सख्त कानून; आखिर किस बात से डर रहे हैं दोनों देश?
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सेना के खिलाफ बोला तो खैर नहीं, पाकिस्तान के बाद China ने भी बनाया सख्त कानून; आखिर किस बात से डर रहे हैं दोनों देश?

पाकिस्तान की तरह उसके सदाबहार दोस्त चीन (China) को भी अपनी सेना की आलोचना कतई पसंद नहीं है. पाकिस्तान की राह पर चलते हुए अब चीन ने भी एक सख्त कानून बना दिया है.

चीन की सेना (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: पाकिस्तान की तरह उसके सदाबहार दोस्त चीन (China) को भी अपनी सेना की आलोचना कतई पसंद नहीं है. पाकिस्तान की राह पर चलते हुए अब चीन ने भी ऐसा कानून बना दिया है. जिसके बाद अब सेना की आलोचना या उस पर सवाल उठाने वालों को कड़ी सजा भुगतनी पड़ेगी. 

  1. नए कानून में जोड़ी गईं कई सख्त धाराएं
  2. ब्लॉगर को डाल दिया जेल में
  3. गलवान झड़प के बाद से चीन परेशान

नए कानून में जोड़ी गईं कई सख्त धाराएं

चीन (China) की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्टैंडिंग कमेटी की गुरुवार को हुई बैठक में यह विधेयक पास किया गया है. वास्तव में यह कानून वर्ष 2018 में बने पुराने  कानून का ही विस्तार है. इस कानून में कई सख्त धाराएं जोड़ी गई हैं. इस कानून के अनुसार, कोई भी संगठन या व्यक्ति सैनिकों के सम्मान को बदनाम या उनकी आलोचना नहीं कर सकता है. साथ ही कोई भी व्यक्ति सशस्त्र सेवाओं के सदस्यों की प्रतिष्ठा पर भी सवाल उठा सकता है. 

इस नए कानून के मुताबिक, सरकारी अभियोजक सैन्य कर्मियों की मानहानि होने पर आरोपी के खिलाफ जनहित याचिका दायर कर सकते हैं. वे सेना के ऑपरेशनों या उनके अफसरों की कार्यशैली पर उंगली उठाने वालों पर भी कार्रवाई कर सकते हैं. दोषी पाए जाने वाले लोगों को कड़ी कैद और भारी जुर्माने की सजा भुगतनी पड़ सकती है. इसके साथ ही उन्हें बिना सुनवाई के लंबे वक्त तक कैद भी रखा जा सकता है.

ब्लॉगर को डाल दिया जेल में

चीन (China) ने इसी साल 31 मई को ऐसे ही एक कानून के तहत Qiu Ziming नाम के इंटरनेट सेलेब्रेटी के खिलाफ कार्रवाई की थी. Qiu Ziming के सोशल मीडिया पर 25 लाख फॉलोअर्स हैं. Qiu Ziming का कसूर केवल इतना था कि उन्होंने गलवान (Galwan Skirmish) की घटना के 8 महीने बाद अपने सैनिकों के मारे जाने की चीनी सेना के बयान पर सवाल उठाया था. उन्होंने यह सवाल भी किया था कि इतनी बड़ी हिंसक झड़प में चीन के क्या केवल 4 सैनिक ही शहीद हुए. इससे आग बबूला चीन ने उन पर केस दर्ज कर जेल में डाल दिया. 

बाद में उन्हें मजबूर किया गया कि वे चीन (China) के प्रमुख न्यूज पोर्टल और नेशनल मीडिया पर यह बयान जारी करें कि उनसे अपराध हुआ है. उन्हें आदेश दिया गया कि अपनी अपराध स्वीकारोक्ति को 10 दिनों के अंदर नेशनल मीडिया पर चलवाएं और सेना के कथित अपमान के लिए देश से माफी मांगी. सजा के डर से Qiu Ziming ने देश से लिखित में माफी मांग ली. जिसके बाद उन्हें हल्की सजा दी गई. 

गलवान झड़प के बाद से चीन परेशान

बता दें कि पिछले साल मई में चीनी सेना के पूर्वी लद्दाख में अतिक्रमण के बाद से भारत और चीन का गंभीर सैन्य तनाव बना हुआ है. दोनों देशों के 50-50 हजार सैनिक भारी हथियारों के साथ सीमा पर आमने-सामने खड़े हैं. पिछले साल 29-30 अगस्त की रात को गलवान घाटी में हुई गंभीर सैन्य झड़प (Galwan Skirmish) में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे. वहीं चीन के करीब 50 सैनिक मारे गए थे. सैटेलाइट तस्वीरों में हताहतों को ले जाते हुए उसके कई तस्वीरें कैद हुई थीं.

इसके बावजूद चीन (China) ने इस झड़प में अपने सैनिकों की मौत को स्वीकार नहीं किया. करीब 8 महीने की चुप्पी के बाद अप्रैल में चीन ने कहा कि इस झड़प में उसके भी 4 सैनिक मारे गए थे. उसके इस कबूलनामे पर खुद चीनी सवाल उठा रहे हैं. वे कह रहे हैं कि इतनी गंभीर सैन्य झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए तो उनके केवल 4 कैसे. यह सूचना भी इतने महीनों बाद क्यों बताई जा रही है.

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लोगों का मुंह करेगा नया कानून?

इन उठते सवालों से चीन (China) की शी जिनपिंग सरकार परेशान है और इससे बचने के लिए अब उसने सोशल मीडिया पर और नियंत्रण लगा दिया है. इससे पहले चीन का आयरनफ्रेंड पाकिस्तान भी मार्च में ऐसा ही एक सख्त कानून बना चुका है. पाकिस्तान के इस कानून के मुताबिक वहां पर सोशल मीडिया या अन्य तरीके से सशस्त्र बलों का उपहास करने या सवाल उठाने वालों पर कड़ी सजा दी जाएगी. (एजेंसी इनपुट)

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