China Solar Telescope: अब तपते सूरज के अंदर भी चीन कर सकेगा ताकझांक, बना डाला दुनिया का सबसे बड़ा सोलर टेलिस्‍कोप
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China Solar Telescope: अब तपते सूरज के अंदर भी चीन कर सकेगा ताकझांक, बना डाला दुनिया का सबसे बड़ा सोलर टेलिस्‍कोप

World Largest Solar Telescope: इसे बनाने में 313 डिश को यूज किया गया है. इससे चीन यह जान सकेगा कि सूरज के व्‍यवहार में आने वाले बदलाव का धरती पर क्‍या असर पड़ता है. इसके अलावा वह पूरे ब्रह्मांड पर भी नजर रखने में सक्षम हो जाएगा. यह जून 2023 से काम करने लगेगा.

चीन का सोलर टेलिस्कोप

China Made World Largest Solar Telescope: एक-दूसरे से खुद को ज्यादा ताकतवर बनाने और दिखाने की अमेरिका और चीन की होड़ धरती से इतर चांद तक भी पहुंच गई है. दरअसल, अंतरिक्ष में अमेरिका को पीछे छोड़ने की कोशिश में लगे चीन ने दहकते सूरज के अंदर झांकने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा सोलर टेलिस्‍कोप समूह तैयार किया है. ये टेलिस्‍कोप 3.14 किमी के एक गोले के आकार में लगाए गए हैं. इसे बनाने में चीन ने 313 डिश को यूज किया है. इसके जरिए चीन यह जान सकेगा कि सूरज के व्‍यवहार में आने वाले बदलाव का धरती पर क्‍या असर पड़ता है. इसके अलावा ड्रैगन इसकी मदद से पूरे ब्रह्मांड पर भी नजर रखने में सक्षम हो जाएगा. यह टेलिस्‍कोप जून 2023 से काम करने लगेगा.

इस टेलिस्कोप में लगाए गए हैं 313 डिश 

चीन ने इसका नाम द दाओचेंग सोलर रेडियो टेलिस्‍कोप रखा है. इसे चीन ने अपने दक्षिणी पश्चिमी प्रांत सिचुआन में बनाया है. इसमें लगी 313 डिश में से सभी की चौड़ाई 19.7 फुट है जिससे यह एक गोला बनाता है जो 3.14 किलोमीटर में फैला है. इस टेलिस्कोप की खास बात ये है कि यह सौर तूफानों और कोरोनल मास इजेक्‍शन की भी मॉनिटरिंग कर सकेगा.

इस वजह से थी इसकी जरूरत

वैज्ञानिक बताते हैं कि कोरोनल मास इजेक्शन या सीएमई सूर्य की सतह से निकलने वाले कुछ सबसे भयानक विस्फोटों में से एक होता है. इसमें अंतरिक्ष में कई मिलियन मील प्रति घंटे की रफ्तार से एक अरब टन तक पदार्थ बाहर निकल सकते हैं. ये पदार्थ अगर धरती की ओर आते हैं तो इससे पॉवर ग्रिड, टेलिकम्‍यूनिकेशन  अंतरिक्ष चक्‍कर लगा रहे सैटलाइट और अंतरिक्षयात्रियों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है.

अब पहले ही चल जाएगा खतरे का पता

इस सोलर टेलिस्‍कोप को बनाने वाली टीम में शामिल चीनी वैज्ञानिक वू लिन ने बताया कि 'हम अब यह बता सकते हैं कि एक सौर तूफान धरती की ओर आने वाला है या नहीं. वूल ने कहा, 'अगर सौर तूफान धरती की ओर आता है और हमारे तक पहुंचता है तो हम इस तरह के सौर तूफानों को लेकर पहले ही अलर्ट जारी कर सकेंगे. इस तरह अब अंतरिक्ष के मौसम की भविष्‍यवाणी किया जा सकेगा. ताकि भविष्य में स्पेस में सैटेलाइट का ऑपरेशन सही से हो सके.

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