Corona से लड़खड़ाई Chinese Economy, राष्ट्रपति Jinping के ड्रीम प्रोजेक्ट Belt Road Initiative पर लगा Break
Advertisement
trendingNow1865871

Corona से लड़खड़ाई Chinese Economy, राष्ट्रपति Jinping के ड्रीम प्रोजेक्ट Belt Road Initiative पर लगा Break

स्वतंत्र रूप से शोध करने वाले संगठन रोडियम ग्रुप (Rhodium Group) के अनुसार बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव में कोरोना से पहले ही प्रगति धीमी होने लगी थी और कोरोना ने स्थिति ज्यादा खराब कर दी है. पिछले तीन वर्षों में चीन का निवेश लगभग स्थिर हो गया है. चीन के पास प्रोजेक्ट पर खर्च करने के लिए पैसा नहीं है.

 

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फाइल फोटो)

बीजिंग: कोरोना (Coronavirus) महामारी और अपनी आदतों के चलते दुनिया भर के निशाने पर आए चीन (China) को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के ड्रीम प्रोजेक्ट बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (Belt Road Initiative-BRI) पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. बीजिंग के पास बीआरआई के तहत बनाई परियोजनाओं के लिए पैसा नहीं है. बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव पर शोध करने वालों का कहना है कि 2020 में चीन का निवेश तेजी से घट गया है. इसमें एक वर्ष में कम से कम 54 फीसदी की गिरावट आई है.

  1. बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव में लगातार घट रहा निवेश
  2. 2016 में BRI में 75 बिलियन डॉलर था निवेश
  3. 2020 में घटकर मात्र 3 बिलियन डॉलर रह गया 
  4.  

20% Work बुरी तरह प्रभावित

‘काबुल टाइम्स’ के अनुसार, चीनी विदेश मंत्रालय के इंटरनेशनल इकोनोमिक अफेयर डिपार्टमेंट के डायरेक्टर जनरल वांग शियालोंग (Wang Xiaolong) ने बताया कि BRI के 20 फीसदी कार्य बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. जबकि 30 से 40 प्रतिशत कामों पर प्रतिकूल असर पड़ा है. कोरोना ने चीन की अर्थव्यवस्था (Economy) को बुरी तरह प्रभावित किया है. 2016 में BRI में निवेश 75 बिलियन डॉलर था, जो 2020 में घटकर मात्र 3 बिलियन डॉलर रह गया. 

ये भी पढ़ें -PAK आर्मी पर साल 2020 में हुए कई बड़े हमले, Balochistan और North Waziristan में हालात बेकाबू

Pakistan ने भी खड़े किए हाथ 

आर्थिक संकट के अलावा, बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव को कई अन्य तरह की परेशानियों से जूझना पड़ा है. जैसे कि भ्रष्टाचार, वित्तीय पारदर्शिता का अभाव, अनुचित ऋण शर्तें, कर्ज डूबने का डर और नकारात्मक सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव. इन सबके चलते पूरी योजना का भविष्य दांव पर लग गया है. यहां गौर करने वाली बात यह है कि चीन का सदाबहार दोस्त पाकिस्तान भी BRI के तहत 122 योजनाओं में से मात्र 32 में ही कार्य शुरू हो सका है. स्वतंत्र रूप से शोध करने वाले एक संगठन रोडियम (Rhodium Group) के अनुसार बीआरआई परियोजना में कोरोना से पहले ही प्रगति धीमी होने लगी थी और कोरोना ने स्थिति ज्यादा खराब कर दी है. पिछले तीन वर्षों में चीन का निवेश लगभग स्थिर हो गया है.

VIDEO

Loan बांटना अब पड़ रहा भारी

चीन ने अपने विस्तारवादी मंसूबों को अंजाम देने के लिए कई विकासशील व गरीब अफ्रीकी देशों को भारी-भरकम लोन दिया था, जो महामारी की वजह से अब उसे लौटाने की स्थिति में नहीं हैं. ऐसे में चीन को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. चीन ये भी नहीं जानता कि उसका पैसा कब मिलेगा. इसके अलावा, घरेलू अर्थव्यवस्था की बिगड़ती स्थिति ने उसकी परेशानियों को और बढ़ा दिया है. BRI पर शोध करने वाले संस्थान का मानना है कि चीनी राष्ट्रपति के ड्रीम प्रोजेक्ट के फिर से गति पकड़ने की संभावना निकट भविष्य में बेहद कम है.  

 

Trending news