PAK आर्मी पर साल 2020 में हुए कई बड़े हमले, Balochistan और North Waziristan में हालात बेकाबू
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PAK आर्मी पर साल 2020 में हुए कई बड़े हमले, Balochistan और North Waziristan में हालात बेकाबू

पाकिस्तान (Pakistan) के अंदरूनी हालात बेहद खराब हैं. उग्रवादी गुटों ने 2020 में पाकिस्तानी सेना पर कई हमले किये जिसमें बड़ी तादाद में पाकिस्तानी सैनिक मारे गये. जानकारों के मुताबिक साल 2020 में पाकिस्तानी सेना के कुल 334 जवानों के मारे जाने की खबर सामने आई.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: पिछले महीने भारत पाकिस्तान के बीच डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन यानि DGMO के बीच हुई फोन पर बातचीत के बाद से लाइन आफ कंट्रोल (LoC) पर हालात काफी सामान्य है. दोनों देशों के बीच बातचीत ऐसे समय पर हुई जब कई महीनों से बड़े पैमाने पर सीजफायर का उल्लंघन हो रहा था. जिससे सीमा पर युद्ध जैसे हालात बने हुए थे. समझौते के बाद स्थिति सामान्य बनी हुई है. हालांकि आंकड़ों के लिहाज से बात करे तो बीता साल 2020 पाकिस्तान के लिए बेहद खराब रहा . 

  1. युद्धविराम समझौते पर लौटना पाकिस्तान की मजबूरी
  2. कई मोर्चों पर एक साथ परेशानियों से घिरा है पाकिस्तान
  3. भारतीय सेना की सख्ती से घुसपैठ के मामलों में भारी  कमी 
  4.  

समझौते पर क्यों लौटा पाकिस्तान? 

LoC पर भारत की मजबूत स्थिति के बीच पाकिस्तानी सेना एक साथ कई मोर्चे पर फोकस नहीं कर पा रही थी. पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा (Pakistan-Afghanistan Border) हो या फिर बलूचिस्तान (Balochistan) में चल रही आजादी की लड़ाई. पाकिस्तान की सेना के लिए एक साथ इतने फ्रंट पर लड़ना आसान नहीं था. वहीं सरकार की मुश्किलें भी इतनी बढ़ गईं थीं कि वो एलओसी से ध्यान हटाकर पाकिस्तान के अंदरुनी हालात नहीं संभाल पा रही थी.

टूट चुकी है पाकिस्तानी सेना की कमर!

पाकिस्तान के अंदरूनी हालात बेहद खराब हैं. उग्रवादी गुटों ने 2020 में पाकिस्तानी सेना पर कई बड़े हमले किये जिसमें बड़ी तादाद में पाकिस्तानी सैनिक मारे गये. सुरक्षा से जुड़े जानकारों के मुताबिक पिछले साल 2020 में पाकिस्तानी सेना के कुल 334 जवानों के मारे जाने की खबर सामने आई. लेकिन पाकिस्तानी सेना ने इस आंकड़े को कभी सार्वजनिक नहीं किया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीते 6 सालों में नार्थ वजीरिस्तान में सक्रिय अलग अलग आतंकी गुटों से हुई मुठभेड़ में सैकड़ों पाकिस्तानी सैनिक मारे जा चुके हैं. जिससे पता चलता है कि पाकिस्तान में स्थितियां कितनी बद से बदतर हो रही हैं.

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'नहीं संभल रहा बलूचिस्तान'

बीते साल जुलाई में बलूचिस्तान में हुए उग्रवादी संगठनों के एक हमले में 20 से ज्यादा पाकिस्तानी सेना के मारे जाने की खबर सामने आई जबकि पाकिस्तानी सेना ने सिर्फ 3 जवानों के मारे जाने की पुष्टि की थी. बलूचिस्तान में पूरे साल पाकिस्तानी सेना पर उग्रवादी गुटों ने कई बड़े हमले किये. पाकिस्तान की सेना लाख कोशिशों के बावजूद हालात नहीं संभाल पा रही है.

बलूचिस्तान के लोग CPEC के साथ साथ चीनी निवेश का लगातार विरोध कर रहे हैं. विरोध को दबाने के लिए पाकिस्तानी सेना मानवाधिकार की सभी सीमाएं तोड़ रही है इसके बावजूद आम जनता की आवाज और विरोध बढ़ता जा रहा है. सुरक्षा से जुड़े जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान लाइन ऑफ कंट्रोल से अपना ध्यान हटाकर बलूचिस्तान और नार्थ वजीरस्तान में अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहता है और ये तभी होगा जब LoC पर स्थितियां सामान्य बनी रहें. 

आंतकियों में भारतीय सेना का खौफ

सीजफायर उल्लंघन के पीछे पाकिस्तानी सेना की साजिश हमेशा ये रहती है कि वो ज्यादा से ज्यादा संख्या में आतंकियों को जम्मू कश्मीर (Jammu-kashmir) में दाखिल करा दे वहीं अनुच्छेद 370 हटने के बाद भारतीय सेना ने एलओसी पर काफी सख्ती की है जिससे लॉन्च पैड पर बैठे आतंकियों के लिए सीमा पार करना आसान नहीं रह गया है. जैसे ही आतंकी घुसपैठ की कोशिश करते हैं भारतीय सेना उन्हें वहीं ढेर कर देती है. भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई से आतंकियों में खौफ है.

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आतंकी घुसपैठ में गिरावट की गवाही देते आंकड़े

गृह मंत्रालय की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि जम्मू कश्मीर में पिछले 4 सालों में सीमा पार से होने वाली आतंकी घुसपैठ (Terror infiltration) में भारी गिरावट आई है. रिपोर्ट में साल 2020 के दौरान 99 बार घुसपैठ की कोशिश का जिक्र हुआ है जिसमें करीब 51 आतंकी ही सीमा पार कर सके होंगे. वहीं 2019 में पाकिस्तान ने 216 बार आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिश की तब 138 आतंकियों के घुसपैठ की आशंका जताई गई थी. जम्मू कश्मीर में साल 2018 में 323 बार आतंकियों ने भारतीय सीमा में दाखिल होने की कोशिश की तब सुरक्षा बलों ने करीब 143 आतंकियों के सीमा पार आने की आशंका जताई थी
 
साल 2017 में सबसे ज्यादा 406 बार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की तरफ से आतंकी घुसपैठ की कोशिश कराई गई. गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक तब 123 आतंकी घुसपैठ कर पाए थे हालांकि बाद में उस समय आए कई आतंकी ढेर कर दिए गए थे. साल 2016 में 364 बार आतंकियों की घुसपैठ सीमापार पाकिस्तान की तरफ से हुई जिसमें सुरक्षा बलों की रिपोर्ट के मुताबिक 112 आतंकी घुसपैठ में कामयाब हो सके.

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