अशरफ ने हाल ही में पीपीपी नेता आसिफ अली जरदारी से मुलाकात कर उनसे इस संकट के बारे में बताया था. उन्होंने कहा कि चारे की कमी और इसकी बढ़ी कीमतों की वजह से मार्केट में मुर्गियों की सप्लाई गिरकर 40 प्रतिशत पर आ गई थी. कम सप्लाई की वजह से बाजार में मुर्गियों की कीमत में असंतुलन पैदा हो गया.
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पाकिस्तान में ईद से पहले चिकन की कीमतें बढ़ गई हैं. यह असामान्य है क्योंकि आमतौर पर त्योहारों के दौरान मांग गिरने की वजह से चिकन की कीमतें कम हो जाती हैं. पाकिस्तान पोल्ट्री एसोसिएशन (पीपीए) के अध्यक्ष चौधरी मोहम्मद अशरफ ने बतया, "मेरे 35 साल के अनुभव में, यह पहली बार है जब ईद से पहले चिकन की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं."
पाकिस्तान पहले से ही इतिहास के सबसे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. वहां, खाने-पीने की चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं. पाकिस्तानी अखबार डॉन की खबर के मुताबिक जिंदा मुर्गे की कीमत 560 रुपये प्रति किलो और साफ मांस की कीमत 820-850 रुपये तक पहुंच गई है. वहीं, बोनलेस चिकन की कीमतें 1,400 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं, जो बीफ से भी महंगी है. पाकिस्तान में बीफ की कीमत 1,100-1,200 रुपये है.
उन्होंने बताया कि पीपीए ने 6 महीने पहले ही चारे की कमी और ऊंची कीमतों के कारण पैदा होने वाले गंभीर पोल्ट्री संकट को लेकर चेताया था. बढ़ती कीमतों की वजह सोयाबीन के इंपोर्ट पर बैन लगना भी है.
पोल्ट्री फीड बनाने के लिए जरूरी विटामिन और अमीनो एसिड जैसी चीजों के इंपोर्ट पर बैन लगाने से पाकिस्तान में ये संकट और अधिक गंभीर हो गया. अशरफ ने कहा, 'आज पोल्ट्री इंडस्ट्री चारा नहीं बना पा रही है क्योंकि उसे सोयाबीन की भारी कमी से जूझना पड़ रहा है. इंडस्ट्री को अफ्रीका से अपनी जरूरत का सिर्फ 5 से 10 प्रतिशत ही मिल रहा है. हालांकि, अफगानिस्तान से आने वाले माल की क्वालिटी बेहद खराब है.'
अशरफ ने हाल ही में पीपीपी नेता आसिफ अली जरदारी से मुलाकात कर उनसे इस संकट के बारे में बताया था. उन्होंने कहा कि चारे की कमी और इसकी बढ़ी कीमतों की वजह से मार्केट में मुर्गियों की सप्लाई गिरकर 40 प्रतिशत पर आ गई थी. कम सप्लाई की वजह से बाजार में मुर्गियों की कीमत में असंतुलन पैदा हो गया.