Global Times: चीनी मीडिया में फिर हो रही भारत की तारीफ, जानें पूरा मामला
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Global Times: चीनी मीडिया में फिर हो रही भारत की तारीफ, जानें पूरा मामला

Human Rights: अमेरिका ने भारत में मानवाधिकारों को लेकर टिप्पणी की थी, जिसका भारत ने अच्छे से जवाब दिया था. अब चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भी इस मामले में नई दिल्ली का पक्ष लेते हुए वॉशिंगटन को भाषण न देने की सलाह दी है.  

फाइल फोटो

Global Times on India: रूस-यूक्रेन जंग (Russia-Ukraine War) के मुद्दे पर कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और यूएस प्रेसिडेंट जो बाइडेन (Joe Biden) के बीच वर्चुअल मीटिंग हुई थी. चीन (China) के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इस मीटिंग में PM मोदी के रुख की तारीफ की थी, अब एक बार फिर चीनी अखबार ने भारत का पक्ष लिया है. उसने कहा है कि अमेरिका (America) को उभरती हुई शक्तियों से पेश आने का तरीका सीखना चाहिए.

  1. अमेरिका ने मानवाधिकार को लेकर की थी टिप्पणी
  2. यूएस ने भारत की घटनाओं का किया था जिक्र
  3. ग्लोबल टाइम्स ने पहले भी की है भारत की तारीफ

US को लगाई फटकार

दरअसल, US-इंडिया टू-प्लस-टू वार्ता के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) की मौजूदगी में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने भारत के मानवाधिकारों की स्थिति पर टिप्पणी की थी, जिसका भारत ने अच्छे से जवाब दिया था. इसी को लेकर 'ग्लोबल टाइम्स' ने भारत के रुख की तारीफ करते हुए यूएस को फटकार लगाई है.

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ट्वीट में कही ये बात

चीनी अखबार ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'आजाद भारत को मानवाधिकारों पर भाषण देने का अमेरिका को कोई अधिकार नहीं है. अमेरिका भारत को अपना ग्राहक देश समझना बंद करे. यूएस अपनी महान नैतिकता को अपने पास रखे और उभरती हुई शक्तियों से ठीक ढंग से पेश आना सीखे'. इससे पहले ग्लोबल टाइम्स ने रूस-यूक्रेन मुद्दे पर भारत के न्यूट्रल रुख की भी तारीफ की थी. अखबार में छपे लेख में चीनी विशेषज्ञों ने कहा था कि भारत ने जो स्टैंड लिया है, वो उसके लिए फायदेमंद है.

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क्या कहा था एंटनी ब्लिंकन ने?

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि भारत और अमेरिका मानवाधिकार के लोकतांत्रिक मुद्दों पर प्रतिबद्धता साझा करते हैं. हमारी भारत में मानवाधिकार उल्लंघन की कुछ घटनाओं पर कड़ी नजर है. भारत की कुछ सरकारों, पुलिस और जेल अधिकारियों की तरफ से मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में बढ़ोतरी हुई है.

भारत ने दिया था ये जवाब

अमेरिकी विदेश मंत्री की इस टिप्पणी का भारत ने तुरंत कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन बाद में एस जयशंकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत भी अमेरिका में मानवाधिकार उल्लंघनों के मामले पर नजर बनाए हुए है. उन्होंने स्पष्ट किया कि टू-प्लस-टू वार्ता में दोनों देशों के बीच मानवाधिकार के मुद्दे पर बात नहीं हुई और यदि ऐसा आगे होता है तो भारत इस पर बात करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

 

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