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बीजिंग: पाकिस्तान (Pakistan) में हुए आतंकी हमले में अपने नागरिकों की मौत से चीन (China) बुरी तरह बौखला गया है. उसने पाकिस्तान से दो टूक शब्दों में कहा है कि यदि वह आतंकवादियों से नहीं निपट सकता है, तो चीनी सैनिकों को मिसाइलों के साथ मिशन पर भेजा जा सकता है. चीन के इस रूप से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) डर से कांपने लगे हैं. उन्होंने बीजिंग को भरोसा दिलाया है कि दोषियों को बक्शा नहीं जाएगा. बता दें कि खैबर पख्तूनख्वा में हुए बस धमाके चीनी इंजीनियरों की भी मौत हुई है.
चीन सरकार के अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ (Global Times) के संपादक ने इस संबंध में ट्वीट करके पाकिस्तान को चेताया है. उन्होंने लिखा है, ‘इस हमले में शामिल कायर आतंकी अब तक सामने नहीं आ पाए हैं, लेकिन उन्हें निश्चित रूप से खोजा और खत्म किया जाना चाहिए. यदि पाकिस्तान की क्षमता पर्याप्त नहीं है,तो उसकी मंजूरी से चीन की मिसाइलों और स्पेशल फोर्स को काम पर लगाया जा सकता है’.
The cowardly terrorists behind this attack dare not show up until now. But they will definitely be found out and must be exterminated. If Pakistan’s capability is not enough, with its consent, China’s missiles and special forces can be put into action. https://t.co/6Y6caJWGr3
— Hu Xijin 胡锡进 (@HuXijin_GT) July 16, 2021
माना जा रहा है कि इस बयान के बाद पाकिस्तान के ऊपर आतंकियों पर कार्रवाई का दबाव बन गया है. यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि चीन खुद पाकिस्तान के आतंकियों को बचाता रहा है. संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित कराने के भारतीय प्रयासों में उसने कई बार रोड़े अटकाए थे. अब जब उसके अपने नागरिक आतंक की भेंट चढ़े हैं तो वो बौखला गया है. वहीं, इमरान खान अपने ‘आका’ का गुस्सा शांत करने की हर संभव कोशिश में लगे हैं.
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पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी इलाके में एक बस में हुए विस्फोट में चीन के 9 कर्मचारियों की मौत हुई है. इमरान खान सरकार ने शुरुआत में चीन के डर से इस हमले को हादसा बताने का प्रयास किया था. विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि गैस लीक के चलते विस्फोट हुआ. साजिश पर पर्दा डालने की इस पाकिस्तानी कोशिश पर बीजिंग ने नाराजगी जताई थी और कहा था कि वह भी अपनी जांच टीम भेजेगा.
इस बीच प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को अपने चीनी समकक्ष ली कचियांग को आश्वासन दिया कि बस विस्फोट की जांच में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. उन्होंने कहा कि शत्रु ताकतों को दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को नुकसान पहुंचाने की छूट नहीं दी जाएगी. गौरतलब है कि निर्माणाधीन दासू बांध स्थल तक चीन के इंजीनियर और कामगारों को लेकर जा रही बस में विस्फोट होने से 9 चीनी नागरिकों और फ्रंटियर कोर के दो सैनिकों सहित कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई और 39 घायल हुए हैं.