India Military Preparations Against China Pakistan: सरहद पर चीन-पाकिस्तान के बढ़ते सैन्य खतरे को देखते हुए अब भारत भी चौकस है. दोनों देशों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अब भारत 97 नए निगरानी ड्रोन की खरीद करने जा रहा है.
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India Buy 97 Surveillance Drones: चीन और पाकिस्तान से बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत अपनी सुरक्षा की तैयारियां लगतार मजबूत करने में लगा है. सरहदों पर दुश्मनों की गतिविधियों पर नजर रखने और काउंटर अटैक के लिए सरकार ने हाल में अमेरिका से 31 प्रीडेटर ड्रोन की खरीद पर समझौता किया था. अब सरकार अपने मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत 97 उच्च गुणवत्ता वाले ड्रोन की और खरीद करने जा रही है. इन ड्रोन को भी चीन- पाकिस्तान सीमा पर तैनात किया जाएगा.
97 नए निगरानी ड्रोन की होगी खरीद
सूत्रों के मुताबिक तीनों सेनाओं की ओर से हाल में एक साइंटिफिक स्टडी की गई थी. इस स्टडी में पाया गया कि देश की सुरक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सशस्त्र बलों को मीडियम आल्टिट्यूड लॉन्ग रेंज में निगरानी क्षमता बढ़ाने की जरूरत है. इसके लिए 97 नए ड्रोन (Surveillance Drone) खरीदने का फैसला किया गया. ये ड्रोन शुद्ध निगरानी के काम आएंगे और तैनाती के बाद ये जमीन और समुद्र दोनों जगह अपनी पैनी नजर रखेंगे.
30 घंटे तक भर सकेंगे उड़ान
रक्षा जानकारों के मुताबिक तीनों सेनाओं में सबसे ज्यादा ड्रोन (Surveillance Drone) वायुसेना को मिलेंगे. देश की थल, जल और आकाशीय सीमाओं को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी वायुसेना की है. लिहाजा नए खरीदे जाने वाले ड्रोन में बड़ा हिस्सा भी उसी को मिलेगा. देश की घरेलू कंपनियों से खरीदे जाने वाले इन ड्रोन की कीमत करीब 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा होगी. ये ड्रोन एक बारे में 30 घंटे से ज्यादा देर तक उड़ान भर सकेंगे.
सरहदों की निगरानी होगी मजबूत
तीनों सेनाओं की ओर से खरीदे जाने वाले 97 ड्रोन (Surveillance Drone) पहले खरीदे जा चुके 46 हेरॉन ड्रोन से अलग होंगे. वे ड्रोन इजराइल से खरीदे गए थे और उन्हें इजराइल से खरीदा गया था. वे सभी ड्रोन देश की सरहदों की निगरानी में खामोशी के साथ तैनात हैं. अब उन ड्रोन को मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट्स के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की ओर से अपग्रेड किया जा रहा है. इस प्रक्रिया में 60 प्रतिशत से अधिक यूज होने वाली सामग्री भारतीय हैं.
हिंद महासागर में चीन की गतिविधियों पर नजर
रिपोर्टर के मुताबिक एलएसी पर चीन के इरादे लगातर आक्रामक बने हुए हैं. युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान भी उसके साथ आ सकता है. ऐसे हालात में सरहद पर दोनों की जुगलबंदी पर निगरानी रखना और भी जरूरी हो जाता है. डिफेंस एक्सपर्टों के अनुसार अमेरिका से 31 ड्रोन (Surveillance Drone) आने से चीन-पाकिस्तान सीमा के साथ ही हिंद महासागर में विचरण कर रही चीनी पनडुब्बियों और जहाजों पर निगरानी रखना आसान हो जाएगा. ये इतनी ज्यादा ऊंचाई पर रहकर दुश्मन पर नजर रखते हैं कि उसे भी आसानी से इसका पता नहीं चल पाता है.
(इनपुट एएनआई)