पाकिस्तान में हिंदुओं से फिर भेदभाव, सरकार ने मंदिर के लिए जमीन देने से किया इनकार
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पाकिस्तान में हिंदुओं से फिर भेदभाव, सरकार ने मंदिर के लिए जमीन देने से किया इनकार

इस्लामाबाद में हिंदू समुदाय को मंदिर, सामुदायिक केंद्र और श्मशान घाट (श्मशान घाट) के निर्माण के लिए यह आवंटित की गई थी. लेकिन अब हरित क्षेत्र का हवाला देते हुए जमीन के आवंटन को रद्द कर दिया गया है.

इस्लामाबाद में रहते हैं 3 हजार हिंदू परिवार

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ भेदभाव का एक और मामला सामने आया है. यहां राजधानी विकास प्राधिकरण (CDA) ने इस्लामाबाद में एक मंदिर के निर्माण के लिए जमीन का आवंटन रद्द कर दिया है. नागरिक निकाय के वकील जावेद इकबाल ने सोमवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) को बताया कि कैबिनेट की ओर से राजधानी के ग्रीन बेल्ट में नए भवनों के निर्माण पर बैन लगाने के बाद भूमि का आवंटन रद्द कर दिया गया.

  1. पाकिस्तान ने फिर से मारी पलटी
  2. मंदिर के लिए जमीन आवंटन रद्द
  3. पांच साल से था मंदिर का इंतजार

5 साल पहले शुरू हुआ था अलॉटमेंट

इससे पहले सीडीए ने अल्पसंख्यक समुदाय की सुविधा के लिए सेक्टर एच-9/2 में मंदिर निर्माण के लिए जमीन आवंटित की थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थल पर एक मंदिर, सामुदायिक केंद्र और एक श्मशान भूमि का निर्माण किया जाना था. पिछले साल जुलाई में सुनवाई के दौरान सीडीए के अर्बन प्लानिंग डायरेक्टर ने बेंच को बताया था कि प्लॉट अलॉटमेंट की प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी.

उन्होंने कहा कि यह जगह हिंदू समुदाय को मंदिर, सामुदायिक केंद्र और श्मशान घाट (श्मशान घाट) के निर्माण के लिए आवंटित की गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा, "धार्मिक मामलों के मंत्रालय, स्पेशल ब्रान्च और इस्लामाबाद प्रशासन की सलाह के बाद भूखंड आवंटित किया गया था."

हिन्दू पंचायत को सौंपी जमीन

सीडीए अधिकारी ने बैंच को बताया, "2017 में 3.89 कनाल का एक क्षेत्र आवंटित किया गया था और 2018 में हिंदू पंचायत को सौंप दिया गया था."

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मानवाधिकार आयोग (एचआरसी) के सदस्य कृष्ण शर्मा के मुताबिक, इस्लामाबाद और इसके बाहरी इलाके में लगभग 3,000 हिंदू परिवार रहते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके पास एक सही जगह की कमी है, जहां वे होली और दिवाली जैसे धार्मिक कार्यक्रम मना सकें या शादियों और अंतिम संस्कार कर सकें.

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