Pakistan: इमरान खान के लिए लंबे समय बाद खुशखबरी, हाई कोर्ट से मिली ये राहत
Pakistan News: इमरान खान ने एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी थी. हाई कोर्ट की एकल पीठ ने, रावलपिंडी स्थित अडियाला जेल में सुनवाई के खिलाफ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष की अपील को खारिज कर दिया था.
Imran Khan News: पाकिस्तान में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ी राहत दी. अदालत ने उनके खिलाफ कथित तौर पर गोपनीय दस्तावेज लीक करने से जुड़े मामले की सुनवाई जेल में करने की सरकार की आधिकारिक अधिसूचना को अमान्य घोषित कर दिया. दो सदस्यीय पीठ ने पूर्व प्रधानमंत्री की अपील पर अपना फैसला जारी किया.
पीटीआई-भाषा के मुताबिक इमरान खान ने इस मामले में एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी थी. हाई कोर्ट की एकल पीठ ने, रावलपिंडी स्थित अडियाला जेल में सुनवाई के खिलाफ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष की अपील को खारिज कर दिया था. बता दें खान 26 सितंबर से अडियाला जेल में बंद हैं. उन्हें अटक की जिला जेल से वहां ट्रांसफर किया गया है.
जेल मुकदमे के लिए कानून मंत्रालय ने जारी किया था एनओसी
कानून मंत्रालय ने 29 अगस्त को आंतरिक मंत्रालय और विशेष अदालत के जज अबुल हसनत जुल्करनैन के अनुरोध के अनुसार खान के जेल मुकदमे के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी किया था.
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?
पीटीआई-भाषा के मुताबिक बुधवार सुबह इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) के जज मियांगुल हसन औरंगजेब और समन रफत इम्तियाज के पैनल ने खान की इंट्रा-कोर्ट अपील पर सुनवाई की और सुनवाई प्रक्रिया पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया.
संक्षिप्त फैसले के अनुसार, खान पर जेल में मुकदमा चलाने की 29 अगस्त की सरकार की अधिसूचना को अवैध घोषित कर दिया गया. हालांकि, अदालत ने कहा कि असाधारण परिस्थितियों के मामले में किसी आरोपी की जेल सुनवाई पर कोई रोक नहीं है और यह न्यायाधीश पर निर्भर है कि वह ऐसी सुनवाई को खुला रखे या बंद कमरे में रखे.
अदालत द्वारा जारी संक्षिप्त फैसले के अनुसार, आईएचसी ने 16 अक्टूबर के अपनी एकल सदस्यीय पीठ के फैसले के खिलाफ इंट्रा-कोर्ट अपील स्वीकार कर ली. इसने 15 नवंबर के कैबिनेट के फैसले को पूर्वव्यापी प्रभाव देने से भी इनकार कर दिया, जिसने जेल मुकदमे को मंजूरी दी थी.
अदालत ने न्यायाधीश अबुअल हसनत जुल्कारनैन की नियुक्ति को भी बरकरार रखा, जो आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत खान का मुकदमा चला रहे हैं.
(एजेंसी इनपुट के साथ)