रिपोर्ट में दावा, रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से ‘LAC पर चीनी अतिक्रमण’ वाली रिपोर्ट गायब
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रिपोर्ट में दावा, रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से ‘LAC पर चीनी अतिक्रमण’ वाली रिपोर्ट गायब

भारत की रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से 2 दिन बाद ही जून की वो रिपोर्ट गायब हो गई है. जिसमें गलवान घाटी में ‘हिंसक झड़प के चलते 15 जून को दोनों तरफ के कई सैनिकों की मौत’ के बारे में लिखा गया था.

लद्दाख में भारत- चीन तनाव की फाइल तस्वीर

नई दिल्ली: भारत की रक्षा मंत्रालय (Defence ministry) की वेबसाइट से 2 दिन बाद ही जून की वो रिपोर्ट गायब हो गई है. जिसमें गलवान घाटी (Galwan valley) में ‘हिंसक झड़प के चलते 15 जून को दोनों तरफ के कई सैनिकों की मौत’ के बारे में लिखा गया था. वेबसाइट के न्यूज सैक्शन में उस खबर का यूआरएल अब ‘पेज नॉट फाउंड’ दिखा रहा है.

  1. वेबसाइट के न्यूज सेक्शन से खबर का यूआरएल गायब हुआ
  2. रिपोर्ट में कहा गया था कि लद्दाख के कई इलाकों में चीनी सेनाओं ने अतिक्रमण कर लिया
  3. रिपोर्ट में दावा किया गया था कि गतिरोध लंबे समय तक चल सकता है

रक्षा मंत्रालय की इस रिपोर्ट में कहा गया था कि, ’17-18 मई को कुगरंग नाला, गोगरा और पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर चीनी सेनाओं ने अतिक्रमण कर लिया’. इसी रिपोर्ट में आगे कहा गया था, ‘‘चीन द्वारा एकतरफा आक्रामकता के चलते पूर्वी लद्दाख में स्थिति संवेदनशील बनी हुई है, इस पर लगातार करीबी निगरानी और त्वरित कार्यवाही की आवश्यकता है’’.

ये बताते हुए कि 5 मई के बाद से चीन का अतिक्रमण एलएसी पर खासतौर पर गलवान घाटी में लगातार बढ़ रहा है, चीन के साथ इस विवाद को लेकर रिपोर्ट में दावा किया गया था कि, ‘ये गतिरोध लम्बे समय तक बना रहा सकता है.

इस रिपोर्ट का शीर्षक था ‘Chinese Aggression On LAC’. लेकिन अब इस रिपोर्ट का लिंक अब गायब हो चुका है. इस रिपोर्ट में इस बात की भी जानकारी दी गई थी कि भारतीय सेना की सहायता के लिए अपग्रेडेड फीचर्स के साथ 156 इन्फैंट्री कॉम्बेट व्हीकल (आईसीवी) को तैनात करने का भी ऑर्डर दिया गया है.

रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में ये भी बताया गया था कि 15 जून को इंडियन कोस्ट गार्ड में एक फास्ट पेट्रोल वैसल (एपपीवी) आईसीजीएस कनकलता बरुआ को भी शामिल किया गया है, जिसे काकीनाडा में तैनात किया गया है. 

रिपोर्ट में ये भी खुलासा किया गया था कि जून में भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड (बीईएल) द्वारा निर्मित और 761 करोड़ रुपए की लागत के 30 एडवांस तारपीडो डिकॉय सिस्टम (एटीडीएस) भी तैनात किए गए हैं.  

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