दरअसल पाकिस्तान के विदेश सचिव की मौजूदा भारत यात्रा के दौरान इस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों नेताओं की एससीओ सम्मेलन के इतर मुलाकात हो सकती है.
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नई दिल्ली: अगले हफ्ते किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में होने जा रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच मुलाकात की कोई योजना नहीं है. इस संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ''हमारी जानकारी में पीएम मोदी और इमरान खान के बीच द्विपक्षीय मुलाकात की कोई योजना नहीं है.''
दरअसल पाकिस्तान के विदेश सचिव की मौजूदा भारत यात्रा के दौरान इस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों नेताओं की एससीओ सम्मेलन के इतर मुलाकात हो सकती है. इस बारे में विदेश मंत्रालय ने कहा, ''ये उनका निजी दौरा है और उनके साथ कोई आधिकारिक बैठक निर्धारित नहीं है.''
जामा मस्जिद में ईद की नमाज
इस बीच पाकिस्तान के विदेश सचिव सोहेल महमूद मंगलवार की रात तीन दिन की निजी यात्रा पर यहां पहुंचे और बुधवार को उन्होंने दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में ईद की नमाज अदा की. राजनयिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. अप्रैल के मध्य में इमरान खान की सरकार में पाकिस्तान के विदेश सचिव बनने से पहले महमूद भारत में अपने देश के उच्चायुक्त थे. अभी हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि अपनी निजी यात्रा के दौरान वह भारत के किसी अधिकारी या नेता से मिलेंगे या नहीं.
Raveesh Kumar, MEA: To the best of my knowledge no meeting has been planned between PM Modi and Pakistan PM Imran Khan at the SCO Summit in Bishkek. pic.twitter.com/KJoqE00Uf6
— ANI (@ANI) June 6, 2019
Raveesh Kumar, MEA on Pakistan Foreign Secretary's visit to India: It was a personal visit and there was no meeting scheduled with him. pic.twitter.com/LFAXJ0HTAM
— ANI (@ANI) June 6, 2019
सूत्रों ने कहा कि महमूद के बच्चे यहां पढ़ रहे थे और वह अपने परिवार को ले जाने के लिये यहां आए हैं. महमूद का दौरा यद्यपि निजी है लेकिन यह उन कयासों के बीच हो रहा है जिनके मुताबिक किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान के बीच मुलाकात की संभावना है. पीएम मोदी और इमरान खान दोनों का 13-14 जून को वार्षिक एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने का कार्यक्रम है.
पुलवामा हमले और उसके बाद भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में की गई हवाई कार्रवाई और उसके अगले दिन पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था. रिश्तों पर जमी बर्फ को पिघलाने के प्रयास के तहत खान ने 26 मई को मोदी से फोन पर बात की थी और क्षेत्र में शांति व संपन्नता के लिये साथ मिलकर काम करने की इच्छा व्यक्त की थी.
14 अप्रैल को पाकिस्तान लौटने से पहले महमूद ने कहा था कि एक-दूसरे की चिंताओं को समझने और क्षेत्र में शांति, समृद्धि तथा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच सतत बातचीत एकमात्र विकल्प है. उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को आशा है कि भारत में लोकसभा चुनाव, 2019 समाप्त होने के बाद दोनों देशों के बीच बातचीत फिर से शुरू होगी.
(इनपुट: एजेंसी भाषा से भी)