Defence Budget: भारत ने अपने रक्षा बजट में बढ़ोतरी की है. पिछले साल केंद्र सरकार का रक्षा बजट 5.25 लाख करोड़ रुपये था. पाकिस्तान और चीन के मुकाबले भारत का रक्षा बजट कहां ठहरता है, आइए जानते हैं.
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Union Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार (1 फरवरी) को केंद्रीय बजट पेश किया. वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटित राशि बढ़ाकर 5.94 लाख करोड़ रुपये कर दी गई है, जो पिछले साल 5.25 लाख करोड़ रुपये थी. निर्मला सीतारमण ने संसद में आम बजट पेश किया, जिसमें पूंजीगत व्यय के लिए कुल 1.62 लाख करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं. इनमें नए हथियार, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य साजोसामान की खरीद शामिल है.
वित्त वर्ष 2022-23 में, पूंजी परिव्यय के लिए बजटीय आवंटन 1.52 लाख करोड़ रुपये था, लेकिन संशोधित अनुमान के अनुसार व्यय 1.50 लाख करोड़ रुपये था. अगले वित्त वर्ष के बजट दस्तावेजों के अनुसार, राजस्व व्यय के लिए 2,70,120 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिनमें वेतन भुगतान और प्रतिष्ठानों के रखरखाव पर होने वाले खर्च शामिल हैं.
वित्त वर्ष 2022-23 में राजस्व व्यय के लिए बजटीय आवंटन 2,39,000 करोड़ रुपये था. 2023-24 के बजट में, रक्षा मंत्रालय (सिविल) के लिए पूंजीगत परिव्यय 8,774 करोड़ रुपये आंका गया है, जबकि पूंजीगत परिव्यय के तहत 13,837 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है. रक्षा पेंशन के लिए अलग से 1,38,205 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है. पेंशन परिव्यय सहित कुल राजस्व व्यय 4,22,162 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. बजट दस्तावेजों के अनुसार, रक्षा बजट का कुल आकार 5,93,537.64 करोड़ रुपये है.
चीन और पाकिस्तान के रक्षा बजट की तुलना में कितना बजट है?
भारत के रक्षा बजट की अगर पाकिस्तान और चीन से तुलना करें तो वहां कहा ठहरता है, आइए जानते हैं. पाकिस्तान का रक्षा बजट 46,626 करोड़ रुपये है. तो वहीं, चीन का रक्षा बजट 18.7 लाख करोड़ है. यानी पाकिस्तान की तुलना में हमारा रक्षा बजट तो ज्यादा है लेकिन चीन के मुकाबले कम है. चीन का रक्षा बजट भारत के रक्षा बजट से तीन गुना ज्यादा है. भारत के अन्य पड़ोसी देशों की बात करें तो बांग्लादेश का रक्षा बजट 31 हजार करोड़ रुपये है. वहीं, श्रीलंका का 9 हजार करोड़ रुपये है. नेपाल का रक्षा बजट 3579 करोड़ रुपये है.
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