भारतीय रसोई में लोहे की कढ़ाई का उपयोग बहुत आम है. यह न सिर्फ खाना स्वादिष्ट बनाती है बल्कि इसमें पका खाना सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है. लोहे की कढ़ाई में पका खाना खून की कमी को दूर करने में मदद करता है और शरीर को आयरन की पूर्ति करता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कुछ फूड्स ऐसे होते हैं जिन्हें लोहे की कढ़ाई में पकाने से सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है? यदि नहीं, तो यह जानना आपके लिए बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं कि कौन-से फूड्स को लोहे की कढ़ाई में पकाने से बचना चाहिए और क्यों.
टमाटर में अधिक मात्रा में एसिड पाया जाता है. जब आप टमाटर को लोहे की कढ़ाई में पकाते हैं, तो इसका एसिड लोहे के साथ रिएक्ट कर सकता है. इसके परिणामस्वरूप, खाने में धातु का स्वाद आ सकता है और आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. एसिडिक फूड्स जैसे टमाटर को लोहे की कढ़ाई में पकाने से उसमें मौजूद आयरन ज्यादा मात्रा में निकल सकता है, जिससे शरीर में आयरन की अधिकता हो सकती है.
दही या अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स को भी लोहे की कढ़ाई में पकाना या गर्म करना अच्छा नहीं होता. दही में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है और यह कैल्शियम लोहे के साथ रिएक्शन कर सकता है. इससे दही का स्वाद खराब हो सकता है और उसका पोषण मूल्य भी कम हो सकता है. दही को हमेशा नॉन-स्टिक या स्टील के बर्तनों में ही पकाना चाहिए, ताकि इसका पौष्टिक तत्व बरकरार रहे.
नींबू, जैसे कि खट्टे फलों का रस, लोहे की कढ़ाई में कभी नहीं डालना चाहिए. नींबू में मौजूद सिट्रिक एसिड लोहे के साथ रिएक्शन कर सकता है, जिससे खाने में धातु का स्वाद आ सकता है और उसका रंग भी बदल सकता है. इसके अलावा, यह रिएक्शन आपके भोजन के पोषण मूल्य को भी कम कर सकता है. इसलिए, नींबू का रस हमेशा खाना पकाने के बाद ही डालें और वह भी तब जब आप स्टील या नॉन-स्टिक बर्तन का इस्तेमाल कर रहे हों.
पालक की सब्जी लोहे की कढ़ाई में नहीं बनानी चाहिए. क्योंकि पालक में ऑक्सालिक एसिड होता है, जो लोहे के साथ रिएक्ट करता है. इससे पालक का रंग खराब हो सकता है और खाना सेहत के लिए अनहेल्दी भी हो जाता है.
प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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