Air India Bhawan in Mumbai: मुंबई के नरीमन प्वाइंट पर बनी एयर इंडिया की ऐतिहासिक 'एयर इंडिया बिल्डिंग' पर अगले साल महाराष्ट्र सरकार का कब्जा हो जाएगा. एयर इंडिया की इस बिल्डिंग को गोल्डन जुबली से कुछ पहले खरीदने की तैयारी चल रही है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में एयर इंडिया की इमारत को 1,601 करोड़ रुपये में खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है. एयर इंडिया 10 साल पहले नवंबर 2013 में अपना हेड ऑफिस नई दिल्ली ले गई, तब से यह इमारत खाली है.
एक अधिकारी ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि सरकार इमारत का कब्जा जल्द हासिल करने के लिए कदम उठा रही है. साथ ही खरीद प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है. सरकार की तरफ से एयर इंडिया की सभी देनदारी और जुर्माने को माफ करने का भी फैसला किया गया. मरीन ड्राइव और नरीमन प्वाइंट के बीच स्थित यह बिल्डिंग मंत्रालय और महाराष्ट्र विधानभवन से 100 मीटर की दूरी पर है. इस बिल्डिंग का सबसे अलग पहलू एक प्राइवेट लिफ्ट है. यह उस समय एयर इंडिया के अध्यक्ष के टॉप फ्लोर पर स्थित ऑफिस तक जाती है.
इंडियन एविएशन सेक्टर के पुरोधा, दिवंगत जेआरडी टाटा उन लोगों में से थे, जो इस बिल्डिंग में उस स्पेशल फर्निशड ऑफिस में बैठते थे. 2024 में इस बिल्डिंग को 50 साल पूरे हो जाएंगे. महाराष्ट्र सरकार की तरफ से इस इमारत को लिये जाने के बाद राज्य सरकार को अपने ऑफिस के लिए करीब 46,500 वर्ग मीटर जगह मिलने की संभावना है.
साल 2012 में मंत्रालय में भीषण आग लगी थी, जिससे कई विभाग नष्ट हो गए थे. अधिकारी और कर्मचारी अलग-अलग स्थानों से काम कर रहे थे. विभागों के ऑफिस के लिए सरकार को सालाना 200 करोड़ रुपये से ज्यादा किराये पर खर्च करना पड़ता था. एयर इंडिया की इमारत खरीद लेने से किराये पर खर्च हो रहा खर्च बच जाएगा.
ग्रामीण विकास, जल आपूर्ति और स्वच्छता, सार्वजनिक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा जैसे विभाग, जो अब एक वैकल्पिक स्थान से संचालित हो रहे हैं, को कुछ अन्य विभागों के साथ एयर इंडिया भवन में स्थानांतरित करने की योजना है. एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) के स्वामित्व वाली 23 मंजिली सफेद इमारत में 9 मंजिल खाली हैं. इस बिल्डिंग को 1974 में राज्य सरकार के मालिकाना हक वाली जमीन पर बनाया गया था.
एयर इंडिया के स्वामित्व वाली सभी संपत्तियों का मैनेजमेंट करने के लिए 2018 में केंद्रीय नागर विमानन मंत्रालय की तरफ से गठित कंपनी है. बिल्डिंग की नौ मंजिलें खाली हैं. तीन मंजिलों पर जीएसटी ऑफिस है जबकि आठ मंजिलों पर इनकम टैक्स विभाग है. ग्राउंड फ्लोर और पहली मंजिल फिलहाल एयर इंडिया के पास हैं. सरकार की तरफ से एयर इंडिया असेट्स होल्डिंग को जानकारी दी गई कि उसे बिल्डिंग को खाली कर देना चाहिए.
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