आपके रंग-बिरंगे कपड़े धो-धोकर फीके पड़ गए हैं? यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आप कपड़े धोने के लिए हार्ड वॉटर का इस्तेमाल कर रहे हैं. हार्ड वॉटर न सिर्फ आपके कपड़ों को खराब कर देता है बल्कि आपके एप्लायंस को भी जल्दी खराब कर सकता है. यह बर्तन धोने की मशीन के अंदर सफेद परत जमा देता है और आपके शावर हेड पर भी ऐसा ही जमाव देखने को मिलता है, लेकिन हार्ड वॉटर कोई असामान्य बात नहीं है. वेबसाइट क्रोमा ने इस बताया है कि वॉशिंग मशीन में हार्ड वॉटर का इस्तेमाल करना चाहिए या नहीं...
हार्ड वॉटर वह वॉटर है जिसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसी चीजें घुली हुई होती हैं. जितना ज्यादा ये चीजें पानी में घुली होती हैं, उतना ही पानी सख्त होता है. यह सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में पाया जाता है.
हार्ड वॉटर पीने के लिए तो ठीक नहीं होता और कपड़े धोने के लिए भी अच्छा नहीं होता. इस पानी में बहुत सारे मिनरल होते हैं, जो कपड़े धोने को कई तरह से खराब कर सकते हैं. सबसे आम समस्या है रंग का फीका पड़ जाना. कठोर पानी से रंगीन कपड़े फीके पड़ जाते हैं. साथ ही, इससे कपड़े सख्त और खुरदरे हो जाते हैं, जिन्हें पहनना अच्छा नहीं लगता.
वाशिंग मशीन में कठोर पानी इस्तेमाल करने की सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि इससे डिटर्जेंट कम असरदार हो जाता है. यानी, इससे गंदगी और तेल साफ नहीं हो पाते. कुल मिलाकर, कठोर पानी से धुले कपड़े कभी भी अच्छे से साफ नहीं हो पाएंगे.
असली सवाल ये है कि क्याहार्ड वॉटर इस्तेमाल करना अच्छा है? इससे वाशिंग मशीन तो पूरी तरह खराब नहीं होगी, लेकिन इसकी उम्र जरूर कम हो जाएगी. कुछ जानकारों का कहना है कि हार्ड वॉटर से वाशिंग मशीन की लाइफ 3 साल तक कम हो सकती है.
हार्ड वॉटर की समस्या का एक हल है वाटर सॉफ्टनर या कहें तो टैप फिल्टर. ये एक ऐसी मशीन है जो पानी में घुले हुए मिनरल्स को हटा देती है, इससे पहले वो आपके घर के उपकरणों तक पहुंचें. आप पूरे घर के लिए वाटर सॉफ्टनर लगा सकते हैं ताकि सारे नल का पानी नरम हो जाए, या फिर सिर्फ वाशिंग मशीन के लिए अलग से लगा सकते हैं.
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