चीनू जब एक साल की थीं तब उनकी मां उसे छोड़कर सऊदी अरब चली गईं. मां के चले जाने के बाद पापा ने दूसरी शादी कर ली. सिर्फ 15 साल की उम्र में परिवारिक विवादों के कारण उन्हें बेघर होना पड़ा.
कहा जाता है कि अगर आपने ठान लिया है तो कुछ भी करना मुश्किल नहीं है. चीनू काला की जर्नी भी इसी दृढ़ता और संकल्प की गवाही है. सिर्फ 15 साल की उम्र में परिवारिक विवादों के कारण उन्हें बेघर होना पड़ा. उस वक्त केवल 300 रुपये और कपड़ों का एक बैग लेकर उन्होंने घर छोड़ दिया था.
दो दिनों तक मुंबई के एक रेलवे स्टेशन पर रातें गुजारीं. इन कठिनाइयों के बावजूद चीनू ने कभी हार नहीं मानी और आज वो 104 करोड़ रुपये की फैशन ज्वेलरी ब्रांड Rubans Accessories की मालिक हैं.
चीनू की की कहानी तब शुरू हुई जब वह मुंबई के सेंट एलॉयसियस स्कूल में कक्षा 10 में पढ़ती थीं लेकिन पारिवारिक विवाद के कारण घर छोड़ दिया. चीनू जब एक साल की थीं तब उनकी मां उसे छोड़कर सऊदी अरब चली गईं. मां के चले जाने के बाद पापा ने दूसरी शादी कर ली.
चूंकि, कोई टेक्निकल डिग्री नहीं होने के कारण चीनू ने दरवाजे-दरवाजे जाकर चाकू और कोस्टर बेचना शुरू किया. इससे रोजाना केवल 20 रुपये की कमाई होती थी. कई बार रिजेक्शन झेलने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और धीरे-धीरे अपनी बिजनेस में हाथ आजमाया.
चीनू की जिंदगी ने अहम मोड़ तब लिया जब वह Gladrags मिस इंडिया ब्यूटी कॉन्टेस्ट की टॉप 10 फाइनलिस्टों में सेलेक्ट हुईं. मॉडलिंग का करियर पैसा वाला था, लेकिन उन्होंने लगा कि यह लंबे समय तक के लिए सही नहीं है. साल 2004 में उन्होंने अमित काला से शादी की जो बाद में रुबांस एक्सेसरीज के निदेशक बने.
साल 2014 में चीनू ने बेंगलुरु के एक मॉल में 3 लाख रुपये की शुरुआती निवेश के साथ रुबांस की शुरुआत की. अपने दृढ़ संकल्प और अथक परिश्रम से उन्होंने इस ब्रांड को भारतीय फैशन ज्वेलरी बाजार में एक प्रमुख कंपनी बना दिया. यह कंपनी 10 लाख से ज्यादा एक्सेसरीज़ बेच चुकी हैं.
साल 2018 तक बेंगलुरु, हैदराबाद और कोच्चि में कंपनी के पांच आउटलेट्स खुल चुके थे. कोविड-19 महामारी के दौरान चीनू ने अपने बिजनेस को ऑनलाइन मोड में लाया जिससे बिक्री में तेजी आई.
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